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आज की तारीख में किरण स्व सहायता समूह की महिलाएं आम, कटहल, मीठा नीम पत्ता, अदरक, आंवला, पपीता, फूलगोभी और टमाटर जैसे कई फलों और सब्जियों से अचार बना रही हैं. इनमें कटहल और टमाटर का अचार विशेष रूप से लोकप्रिय हो …और पढ़ें
65 प्रकार के आचार
हाइलाइट्स
- बस्तर की महिलाएं 65 प्रकार के अचार बना रही हैं.
- कटहल और टमाटर का अचार विशेष रूप से लोकप्रिय है.
- अचार का स्वाद बिल्कुल घरेलू और बिना मिलावट का होता है.
रायपुर. बस्तर संभाग के केशकाल क्षेत्र की महिलाएं आज स्वाद, परंपरा और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं. यहां किरण स्व सहायता समूह माकड़ी की अध्यक्ष मणिकांति के नेतृत्व में महिलाएं 65 प्रकार के पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक अचार तैयार कर रही हैं, जिनकी खुशबू अब बस्तर की सीमाओं को पार कर रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़ जैसे बड़े शहरों तक पहुंच चुकी है.
मणिकांति मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं. विवाह के बाद जब वे केशकाल आईं, तब उन्होंने अपने साथ अचार बनाने की समृद्ध परंपरा भी लाई. इस हुनर को उन्होंने व्यावसायिक रूप दिया और स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित कर एक समूह के रूप में संगठित किया. मणिकांति का कहना है कि उन्होंने अचार बनाना अपने मायके में देखा और सीखा था. लेकिन जब उन्होंने देखा कि यहां की महिलाएं स्वरोजगार की तलाश में हैं, तो उन्होंने इसे एक मिशन के रूप में लिया.
बिल्कुल घरेलू होता है स्वाद
आज की तारीख में किरण स्व सहायता समूह की महिलाएं आम, कटहल, मीठा नीम पत्ता, अदरक, आंवला, पपीता, फूलगोभी और टमाटर जैसे कई फलों और सब्जियों से अचार बना रही हैं. इनमें कटहल और टमाटर का अचार विशेष रूप से लोकप्रिय हो चुका है. इन अचार की खास बात यह है कि इनका स्वाद बिल्कुल घरेलू होता है और इनमें किसी तरह की मिलावट नहीं की जाती इसलिए यह अचार न केवल रोजमर्रा के खाने में बल्कि उपहार के रूप में भी पसंद किए जा रहे हैं.
इस तरह कर सकते हैं आर्डर
कीमत की बात करें तो आम का अचार 250 रुपए प्रति किलो, आंवला का 260 रुपए और टमाटर का अचार 400 रुपए प्रति किलो में बेचा जा रहा है. बाजार में मिलने वाले अचार की तुलना में ये अचार कहीं अधिक शुद्ध और स्वादिष्ट होते हैं. इन महिलाओं के अचार की डिमांड रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़ जैसे बड़े शहरों में लगातार बढ़ रही है. लोग इन अचार को ऑनलाइन या फोन कॉल के माध्यम से मंगवा रहे हैं. यदि कोई ग्राहक ऑर्डर देना चाहता है तो सीधे किरण स्व सहायता समूह से संपर्क कर सकता है. उनका मोबाइल नंबर 7974045682 है.
यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पारंपरिक व्यंजनों को संरक्षित रखने का भी एक बेहतरीन जरिया बन चुकी है. मणिकांति और उनकी टीम यह साबित कर चुकी हैं कि यदि हौसला और हुनर हो तो कोई भी महिला स्वरोजगार की राह पर कदम बढ़ा सकती है और अपनी पहचान खुद बना सकती है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-bastar-pickles-women-have-prepared-65-types-of-delicious-pickles-local18-9155568.html







