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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक भी है. करीब 1100 साल पुराने इस मंदिर को 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मां महामा…और पढ़ें
1100 साल पुराना चमत्कारी महामाया मंदिर,
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक भी है. करीब 1100 साल पुराने इस मंदिर को 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मां महामाया के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है. खासकर नवरात्रि के समय यहां श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है. जब सैकड़ों ज्योति कलश जलाए जाते हैं.
महामाया मंदिर का इतिहास बेहद समृद्ध और रोचक है. इस भव्य मंदिर का निर्माण कलचुरी राजवंश के राजा ने करीब 11वीं शताब्दी में करवाया था. यह मंदिर उस दौर की स्थापत्य कला और धार्मिक आस्था का जीवंत उदाहरण है. जो आज भी पूरी गरिमा के साथ खड़ा है.
शक्तिपीठों में शामिल, देशभर से पहुंचते हैं श्रद्धालु
यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में शामिल है और यही कारण है कि यहां पूरे देश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. मां महामाया को शक्ति स्वरूपा माना जाता है. उनके दर्शन मात्र से हर संकट दूर होता है. मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
नवरात्रि पर उमड़ती है श्रद्धा की लहर
हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं. सैकड़ों की संख्या में ज्योति कलश जलाए जाते हैं. मंदिर प्रांगण भक्ति, संगीत और आस्था से गूंज उठता है. यह समय मंदिर की सबसे खास और पावन घड़ी मानी जाती है.
लोगों की गहरी आस्था, प्रशासन भी करता है विशेष तैयारी
मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों और दूर-दराज के श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है. नवरात्रि और अन्य पर्वों के दौरान प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता और दर्शन की व्यवस्था प्रमुख होती है.







