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चकनाचूर हो गई थी हाथों की हड्डियां, जबड़े के हो गए थे टुकड़े, डॉक्टरों ने किया कमाल, देखते रह गए लोग


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Rare Surgery in IGIMS Patna: आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने मरीज की हड्डियों को जोड़कर जीवन दान दिया है. घंटों चले इस जटिल ऑपरेशन में अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने कीर्तिमान रच दिया.

चकनाचूर हो गई थी हाथों की हड्डियां, जबड़े के हो गए थे टुकड़े, फिर..

सर्जरी करने वाली डॉक्टरों की टीम 

हाइलाइट्स

  • आईजीआईएमएस पटना में दुर्लभ सर्जरी से मरीज की टूटी हड्डियां जोड़ी गईं.
  • सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया.
  • अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

पटना. सड़क दुर्घटना में चोटिल एक ऐसा मरीज जिसको देख हर कोई सहम गया. शरीर की अधिकांश हड्डियां चकनाचूर हो चुकी थी. दोनों हाथों की हड्डियां कई जगहों से अलग-अलग टुकड़ों में टूटी हुई थी. जबड़ा भी चकनाचूर हो गया था. पैरों की हड्डियां भी कई जगह से टूट गई थी. स्थिति बेहद दर्दनाक थी. मरीज दर्द से कराह रहा था. इसको बचा पाना नामुमकिन सा हो गया था.

आनन फानन में लोग इस मरीज को लेकर पटना के आईजीआईएमएस पहुंचे. यहां के डॉक्टरों ने कुछ ऐसा किया जो किसी चमत्कार से काम नहीं है. आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने अपनी सूझ बूझ और अनुभव का परिचय देते हुए मरीज की हड्डियों को जोड़कर जीवन दान दिया है. घंटों चले इस जटिल ऑपरेशन में आईजीआईएमएस के ट्रामा एवं आपातकालीन विभाग में डॉक्टरों को कई प्रकार की मुश्किलें आई लेकिन अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने कीर्तिमान रच दिया.

सड़क दुर्घटना में टूट गई थी शरीर की हड्डियां
दरअसल, गया से आए एक 37 वर्षीय मरीज की टूटी हड्डियों का सफल ऑपरेशन किया गया. मरीज सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसके दोनों हाथ चकनाचूर हो चुके थे, जबड़ा पूरी तरह से टूट चुका था और पैर में भी गंभीर चोटें थीं. हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन डॉक्टरों के अनुभव ने मिलकर बिना अधिक खून बहाव के इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया. इस जटिल सर्जरी में ऑर्थोपेडिक विभाग से डॉ. आनंद शंकर, डॉ. आशुतोष, डॉ. राकेश और डॉ. ऋषभ की टीम ने टूटी हुई हाथ और पैर की हड्डियों की प्लेटिंग की, वहीं मैग्जिलोफेशियल सर्जन डॉ. प्रियंकर सिंह ने जबड़े की सर्जरी को बारीकी से अंजाम दिया.

एनेस्थीसिया देना हो रहा था मुश्किल
इस ऑपरेशन में मरीज को बेहोश करना सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई. मरीज का जबड़ा पूरी तरह से टूटा हुआ था. इस वजह से नॉर्मल तरीके से इनट्यूबेशन यानी सांस लेने की नली डालना संभव नहीं था. ऐसे में एनेस्थेसिया विभाग की डॉ. निधि, डॉ. नितिन और डॉ. दीपक ने फाइबर ऑप्टिक नेजल इनट्यूबेशन तकनीक का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक मरीज को निश्चेतना दी. यह अपने आप
एक जटिल कार्य था जिसको बेहद बारीकी से अंजाम दिया गया.

दर्जनों डॉक्टरों की टीम लगी रही
इस ऑपरेशन में डॉक्टर्स और ओटी स्टाफ सहित दर्जनों एक्सपर्ट लोगों की टीम लगी हुई थी. टूटी हड्डियों को प्लेटिंग यानी प्लेट देकर जोड़ा गया. मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों और पूरे संस्थान का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह संस्थान उनके लिए जीवन दाता साबित हुआ. आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने इस जटिल में शामिल सभी डॉक्टरों को बधाई देते हुए

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-rare-and-complex-orthopedics-surgery-in-patna-igims-by-trauma-emergency-department-of-a-bike-accident-patient-local18-9154908.html

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