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इस जगह आए थे प्रभु राम, आज भी मौजूद है पद चिंह, रामदाना के लाई से होती है प्रभु की पूजा, चढ़ता है अनोखा प्रसाद


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वैशाली के रामचौरा मंदिर में रामनवमी पर प्रभु श्रीराम के पदचिन्हों की पूजा होती है. यहां रामदाना से बनी लाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है. मेले में राम सीता लिखी लाई आकर्षण का केंद्र होती है.

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रामचौरा

रामचौरा मंदिर में रामदाना के लाई से भगवान का होता हैं पूजा

हाइलाइट्स

  • रामचौरा मंदिर में रामदाना से बनी लाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
  • रामनवमी पर रामचौरा मंदिर में प्रभु श्रीराम के पदचिन्हों की पूजा होती है.
  • राम सीता लिखी लाई मेले का मुख्य आकर्षण होती है.

वैशाली. पूरे देश में धूमधाम के साथ रामनवमी का त्योहार मनाया गया. ऐसे में राम जन्मभूमि से लेकर देश के हर मंदिर में प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना की गई. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां प्रभु श्रीराम के चरणों मे अनोखा प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस मंदिर में श्रीराम के पद चिन्ह मौजूद जिसकी पूजा रामनवमी के दिन यहां पहुंचने वाले भक्त करते है. इतना ही नहीं भगवान राम के साथ-साथ उनके प्रिय हनुमान की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि इस दिन रामदाना से बना लाई भगवान को समर्पित किया जाता है जिसे स्थानीय भाषा में खोबी का लाई भी कहा जाता है.

इस दिन मंदिर परिसर में बड़ा मेला लगता है जहां बड़ी संख्या में लाई की दुकान आपको देखने को मिल जाएगी. खास बात यह है कि राम सीता लिखा लाई इस मेले के आकर्षण का केंद्र बना रहता है. वहींं लाई खरीदने वाले लोगों का हुजूम भी आप देख सकते हैं. मान्यता है कि प्रभु श्रीराम यहां आए थे जिनके पदचिन्ह आज भी यहां मौजूद हैं जिसकी पूजा के लिए ना सिर्फ वैशाली जिले से बल्कि दूसरे जिले से भी लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं.

महिलाएं ने की परिक्रमा
रामनवमी को लेकर पूरा इलाका भक्तिमय हो गया है और मंदिर परिसर में ही 24 घंटे का अष्टयाम किया गया है. वहीं, महिलाएं ने भगवान राम की पूजा अर्चना के यज्ञ स्थल की परिक्रमा भी की. भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम प्रशासन द्वारा किए गए थे. कहा जाता है कि हाजीपुर के रामचौरा में भगवान राम लक्ष्मण दोनों जनकपुर जाने के दौरान यहां पर विश्राम किए थे.

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इस जगह आए थे प्रभु राम, आज भी मौजूद है पद चिंह, चढ़ता है अनोखा प्रसाद

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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