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Pushpak Viman: पुष्पक विमान का नाम आपने सुना होगा. जिन लोगों ने पुष्पक विमान का नाम नहीं सुना है, तो आपको बता दें कि त्रेतायुग में जब रावण ने माता सीता का हरण किया था, तो पुष्पक विमान से ही उनको लेकर लंका गया थ…और पढ़ें

पुष्पक विमान इतिहास.
हाइलाइट्स
- पुष्पक विमान सूर्य के समान तेज वाला था.
- इसे प्राप्त करके व्यक्ति देवताओं के समान हो सकता था.
- सीता हरण के समय रावण पुष्पक विमान से आया था.
पुष्पक विमान का नाम आपने सुना होगा. जिन लोगों ने पुष्पक विमान का नाम नहीं सुना है, तो आपको बता दें कि त्रेतायुग में जब रावण ने माता सीता का हरण किया था, तो पुष्पक विमान से ही उनको लेकर लंका गया था. आज के समय में जिस प्रकार से हवाई जहाज होते हैं, वैसे ही उस समय में पुष्पक विमान था. जो हवा में तेज गति से उड़ता था. जिस पर बैठकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते थे. रामायण में पुष्पक विमान का जिक्र मिलता है, तो सीता हरण और लंका विजय के बाद प्रभु राम का माता सीता, लक्ष्मण, सुग्रीव, विभीषण सहित अन्य लोगों के साथ अयोध्या जाने की घटना मन में उभरती है. रावण वध के बाद राम जी पुष्पक विमान से ही अयोध्या लौटे थे. सवाल यह है कि पुष्पक विमान किसका था? पुष्पक विमान रावण का था या देवताओं के राजा इंद्र का?
रावण या इंद्र का नहीं था पुष्पक विमान
रावण संहिता में पुष्पक विमान के बारे में वर्णन मिलता है. सबसे पहले ब्रह्म देव ने पुष्पक विमान के बारे में बताया था. उन्होंने इसे अपने भक्त वैश्रवण के लिए प्रकट किया था. रावण संहिता के अनुसार, पुष्पक विमान सूर्य के समान तेज वाला था. इसे प्राप्त करके व्यक्ति देवताओं के समान हो सकता था. पुष्पक विमान न तो रावण का था और न ही देवताओं के राजा इंद्र का.
ब्रह्मा जी ने वैश्रवण को दिया था पुष्पक विमान
वैश्रवण रावण के कुल का था. उसने ब्रह्मा जी को अपने कठोर तप से प्रसन्न किया था, तब ब्रह्म ने देव ने उसे दो वरदान दिए थे. ब्रह्मा जी ने उसे पहले चौथा लोकपाल बनाया. फिर उसे पुष्पक विमान दिया ताकि वह भी देवताओं के समान हो जाए. ब्रह्म देव ने उसे पुष्पक विमान को सवारी के रूप में स्वीकार करने को कहा. इस प्रकार से पुष्पक विमान वैश्रवण को मिला था. वैश्रवण कुबेर के नाम से प्रसिद्ध हुए.
विश्वकर्मा ने बनाया था पुष्पक विमान
पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं के शिल्पी विश्वकर्मा जी ने पुष्पक विमान का निर्माण किया था. उन्होंने पुष्पक विमान का निर्माण ब्रह्मा जी के लिए किया था. लेकिन उन्होंने इसे कुबेर को दे दिया.

ब्रह्मा जी ने वैश्रवण को दिया था पुष्पक विमान.
रावण के सौतेल भाई थे कुबेर
पुष्पक विमान के मालिक कुबेर यानि वैश्रवण के पिता विश्रवा थे. महामुनि भारद्वाज ने अपनी पुत्री का विवाह विश्रवा से किया था. उनसे ही कुबेर का जन्म हुआ था. विश्रवा की दूसरी पत्नी कैकसी से रावण, कुंभकर्ण और विभीषण का जन्म हुआ था. इस तरह से कुबेर रावण के सौतेले भाई थे.
रावण ने कुबेर से छिन लिया था पुष्पक विमान
कुबेर के पास लंका नगरी थी, जहां पर पुष्पक विमान के साथ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं, ऐश्वर्य, धन, संपदा थी. रावण जब बलशाली हुआ तो उसने कुबरे से लंका और पुष्पक विमान दोनों ही छीन लिया. रावण को पुष्पक विमान की विशेषताओं के बारे में पता चला तो वह आश्चर्यचकित रह गया था.
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