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Champaran Meat Recipe: नॉन वेज लवर हमेशा कुछ नए ज़ायके की तलाश में रहते हैं. कुछ ऐसा जो मुंह में जाते ही मक्खन की तरह घुल जाए, लेकिन ज़हन में उसका स्वाद घंटों बना रहे. बेतिया के रहने वाले 60 वर्षीय शंभु हलवाई मट…और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- शंभु हलवाई से जानें चंपारण मटन बनाने की विधि.
- मटन को मसालों में मिलाकर एक घंटे मेरिनेट करें.
- मिट्टी के बर्तन में मटन पकाने से जायका बढ़ता है.
पश्चिम चम्पारण. ज्यादातर नॉन वेज लवर हर वक्त कुछ नए ज़ायके की तलाश में रहते हैं.कुछ ऐसा जो मुंह में जाते ही मक्खन की तरह घुल जाए, लेकिन ज़हन में उसका स्वाद घंटों बना रहे. शॉर्ट कर्ट के इस ज़माने में ऐसा कुछ मिलना तो मुश्किल है, लेकिन आज हमको एक ऐसी जानकारी देने वाले हैं, जिसके बाद आप खुद ही मटन को चम्पारण स्टाइल में तैयार कर मन को तृप्त करने वाले ज़ायके तक पहुंच जाएंगे.
ज़िला मुख्यालय बेतिया के रहने वाले 60 वर्षीय शंभु हलवाई मटन बनाने के उस्ताद हैं. शादी ब्याह या किसी भी बड़े कार्यक्रम में ज्यादातर लोग शंभु को ही हलवाई के रूप में रखते हैं. अपने चार दशक के अनुभव से उन्होंने मटन बनाने की बेहद ही खास एवं सरल विधि बताई है.
मीट को मसलों में मिलाकर एक घंटे तक छोड़ दें
बकौल शंभू, मटन बनाने के लिए सबसे पहले मीट को अच्छे से साफ कर लें. किसी भी प्रकार की गंध को हटाने के लिए आप उसे विनेगर या नींबू और नमक से साफ कर सकते हैं. सफाई के बाद मटन को प्याज, नमक, सरसों का तेल, हल्दी और अन्य मसालों में डालकर अच्छे से मिला लें और फिर एक घंटे के लिए ढक कर छोड़ दें. इस दौरान मेरिनेशन की प्रक्रिया पूरी होगी.
शंभु बताते हैं कि मीट को एल्युमिनियम की जगह मिट्टी के बर्तन में बनाने से ज़ायका बढ़ जाता है. तो यदि संभव हो तो आप मिट्टी के बर्तन का ही उपयोग करें. इधर आंच पर एक बर्तन को रख उसे गर्म कर लें और फिर उसमें सरसों का तेल, खड़ा जीरा, खड़ी लाल मिर्च, खड़ा लहसुन और अन्य मसाले डालकर कुछ समय तक पकाएं.
हांडी को सील कर कोयले पर रखें
ध्यान रहे कि मिट्टी के बर्तन वाले लोग गर्म तेल को उसमें भरकर बताए गए मसालों को डालें और फिर छोड़ दें. अब ढके हुए मटन को मसलों से भरे बर्तन में डाल लें और फिर मिलाकर अच्छी तरह से ढक दें.मिट्टी के बर्तन को ढक्कन से ढक कर आटे से सील कर दें और एल्युमिनियम बर्तन वाले किसी थाली से अच्छी तरह ढक दें.
ध्यान रहें कि ढकने के बाद अंदर की हवा बाहर नहीं आनी चाहिए. इतना करने के बाद सील हांडी को जलते हुए कोयले पर लगभग 1 घंटे तक और एल्युमिनियम बर्तन को धीमी आंच पर रख आधे घंटे तक पकने के लिए छोड़ देना है.
जल्दबाजी बिलकुल न करें
ज़ायकेदार और लजीज़ नॉन वेज डिश को बनाते समय आपको इसे जल्द से जल्द पकाने की इच्छा होगी. लेकिन ध्यान रहे कि जल्दबाजी बिलकुल भी नहीं करनी है. इसे बनाने में बर्तन के अनुसार डेढ़ से 2 घंटे का समय लगना ही है. ऐसे में किसी शॉर्टकर्ट का सहारा न लें, क्योंकि इससे मटन का ज़ायका बिगड़ सकता है. मांस के बेहतर स्वाद के लिए आप बकरे की ब्लैक बंगाल ब्रीड का चयन कर सकते हैं. चम्पारण में ज्यादातर ब्लैक बंगाल बकरे का ही उपयोग किया जाता है.
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