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Bhanu Saptami 2025 know Surya Dev Arghya Rules and Benefits in hindi say expert | भानु सप्तमी पर भगवान भाष्कर को ऐसे चढ़ाएं जल, प्रसन्न हो जाएंगे ग्रहों के राजकुमार


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Bhanu Saptami 2025 Surya Dev Arghya: भानु सप्तमी 2025: आज रविवार को भानु सप्तमी पर्व मनाया जा रहा है. सूर्यदेव को विशेष अर्घ्य दिया जाता है. तीन प्रहरों में पूजा से जीवन में शांति और खुशहाली आती है.

भानु सप्तमी पर भगवान भाष्कर को ऐसे चढ़ाएं जल, सूर्यदेव पूरी करेंगे मनोकामनाएं!

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को ऐसे चढ़ाएं जल, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं! (Image- Canva)

हाइलाइट्स

  • भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
  • तीन प्रहरों में पूजा से शांति और खुशहाली आती है.
  • सूर्य को जल चढ़ाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है.

Bhanu Saptami 2025: आज यानी रविवार को भानु सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है. सनातन धर्म में, हर महीने दो सप्तमी तिथि आती हैं और इनमें रविवार के दिन की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी, रविवारी सप्तमी या रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य को विशेष अर्घ्य दिया जाता है और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. जी हां, सूर्यदेव को ग्रहों का राजा माना जाता है. उन्हें कलयुग में एकमात्र दृश्य देवता के तौर पर भी पहचाना जाता है. सूर्यदेव के नियमित पूजन से जीवन में शांति और खुशहाली आती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार सुबह नहाने के बाद रोजाना सूर्य देवता को जल चढ़ाने और रोज सूर्य नमस्कार करने से जीवन में बड़ा बदलाव होता है. हालांकि, जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. अब सवाल है कि आखिर, सूर्य देव को कैसे जल चढ़ाएं? प्रात:काल के अलावा कौन-कौन प्रहर होते हैं शुभ? इस बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

सूर्यदेव के 3 प्रहर की साधना

– ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, भगवान सूर्यदेव को सबसे पहले प्रात:काल अर्घ्य और पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रात:काल के वक्त सूर्य की साधना से आयोग्य प्राप्त होता है.

– भगवान भाष्कर की पूजा के लिए दूसरा प्रहर दोपहर का है. कहा जाता है कि, दोपहर में की गई आराधना साधक को मान-सम्मान दिलाती है.

– आप ग्रहों के राजकुमार सूर्य पूजा के लिए तीसर प्रहर शाम का है. मान्यता है कि इस वक्त की गई साधना सौभाग्य को जगाकर संपन्नता लाती है.

सूर्य को जल चढ़ाने के लाभ

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, सूर्य से निकलने वाली किरणें शरीर पर पड़ी जल की बूंदों में प्रवेश कर सात रंगों में विभक्त हो जाती हैं और इससे शरीर में जिस रंग की कमी होती है उसकी पूर्ति हो जाती है. इससे हमारे स्वास्थ्य में सुधार होता है और कुछ वक्त में ही शरीर आरोग्य प्राप्त करने लगता है.

सूर्य को ऐसे चढ़ाएं जल

  • स्नान के बाद सूर्यनारायण को जल चढ़ाना चाहिए. धार्मिक मान्यता के साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है.
  • नहाने के बाद नीचे सिर्फ अंगोछा (टॉवेल) ही पहनना चाहिए बाकी पूरे बदन पर कपड़ा नहीं होना चाहिए.
  • जल का लोटा लेकर गीले बदन ही सूर्य देवता की ओर मुंह कर के जल को चढ़ाना चाहिए.
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भानु सप्तमी पर भगवान भाष्कर को ऐसे चढ़ाएं जल, सूर्यदेव पूरी करेंगे मनोकामनाएं!

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