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Pradosh Vrat 2025 : नौ मई को भगवान शिव और माता पार्वती के लिए प्रदोष व्रत का आगमन होगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा, पाठ और आराधना का विधान है.

वैशाख शुक्ल पक्ष में भगवान शिव के रुद्राष्टक स्तोत्र का महत्व
Pradosh Vrat 2025 ke fayde/हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के सभी 12 महीनों में त्योहार और व्रत होते रहते हैं. सभी महीनों का अपना-अपना महत्त्व बताया गया है. हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख मास धार्मिक कार्यों के लिए महत्त्वपूर्ण और खास बताया गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास में होने वाले तीज त्यौहार बेहद ही खास होते हैं. इस माह में किए गए व्रत का संपूर्ण से अधिक फल मिलने की धार्मिक मान्यता है. वैशाख शुक्ल पक्ष में होने वाले सभी व्रत खास और चमत्कारी लाभ प्रदान करने वाले हैं. 9 मई शुक्रवार को भगवान शिव और माता पार्वती के निमित्त प्रदोष व्रत का आगमन होगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा पाठ, आराधना, स्तोत्र आदि का पाठ करने से चमत्कारी फायदे होते हैं.
क्यों आते हैं व्रत
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पूरे साल तीज त्योहारों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. भगवान शिव और माता पार्वती जगत के माता-पिता हैं. वैशाख शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 9 मई को होगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा, आराधना, स्तोत्र आदि का पाठ करना बेहद लाभकारी है. साल भर में 24 प्रदोष व्रत का आगमन होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होने के कारण श्रद्धा भक्ति भाव से पूजा पाठ, आराधना, स्तोत्र आदि का पाठ करने पर अनेक चमत्कारी लाभ की प्राप्ति होती है.
सुबह-शाम करें पाठ
पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन व्रत करने के साथ यदि भगवान शिव के कुछ स्तोत्र का पाठ किया जाए तो जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होने से सभी समस्याएं, दुख, कष्ट खत्म हो जाते हैं. वैशाख शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ सुबह और प्रदोष काल यानी शाम के समय विधि विधान से करने पर प्रदोष व्रत का कई गुना फल प्राप्त होता है. इस व्रत का महत्त्व स्कंद पुराण और शिव महापुराण में किया गया है.
नोट : इस बारे में ज्यादा जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से संपर्क कर सकते हैं.