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Matangi Jayanti 2025 Date: मातंगी जयंती हर साल वैशाल माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. मां मातंगी 10 महाविद्याओं में से एक हैं. मातंगी जयंती को अक्षय तृतीया या अखा तीज भी होती है. मां मातंगी की …और पढ़ें

मातंगी जयंती 2025 तारीख और मुहूर्त.
हाइलाइट्स
- मां मातंगी 10 महाविद्याओं में से एक हैं.
- देवी मातंगी की उत्पत्ति वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को हुई थी.
- मातंगी जयंती को अक्षय तृतीया या अखा तीज भी होती है.
मातंगी जयंती हर साल वैशाल माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. मां मातंगी 10 महाविद्याओं में से एक हैं. उनकी उत्पत्ति वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुई थी. इस वजह से इस दिन मातंगी जयंती मनाते हैं. मातंगी जयंती को अक्षय तृतीया या अखा तीज भी होती है. इस दिन पूरे समय स्वयं सिद्ध मुहूर्त होंगे. ऐसे में आप मां मातंगी की पूजा करके अक्षय पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं. मां मातंगी की पूजा करने से आपकी 4 मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मातंगी जयंती कब है? मातंगी जयंती का मुहूर्त क्या है? मां मातंगी की पूजा करने के फायदे क्या हैं?
मातंगी जयंती 2025 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मातंगी जयंती के लिए जरूरी वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 29 अप्रैल दिन मंगलवार को 05:31 पी एम से प्रारंभ होगी. यह तृतीया तिथि 30 अप्रैल दिन बुधवार को दोपहर 02:12 पी एम तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, मातंगी जयंती 30 अप्रैल को मनाई जाएगी.
मातंगी जयंती पर बनेंगे 3 शुभ योग
30 अप्रैल को मातंगी जयंती के अवसर पर 3 शुभ योगों का निर्माण होने वाला है. सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना रहेगा. वहीं सभी दोषों को नष्ट कर देने वाला रवि योग शाम 04:18 पी एम से अगले दिन 1 मई को 05:40 ए एम तक रहेगा. इनके अलावा मातंगी जयंती के दिन शोभन योग सुबह से लेकर दोपहर 12:02 पी एम तक रहेगा. यह 3 योग शुभ हैं, इसमें आप कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं.
मातंगी जयंती 2025 मुहूर्त
मातंगी जयंती को अक्षय तृतीया होने की वजह से पूरे दिन अबूझ मुहूर्त बना रहेगा. ऐसे में पूजा पाठ या मांगलिक कार्यों को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होगी. वैसे मातंगी जयंती का ब्रह्म मुहूर्त 04:15 ए एम से 04:58 ए एम तक है. उस दिन का निशिता मुहूर्त 11:57 पी एम से देर रात 12:40 ए एम तक है.
देवी मातंगी की पूजा किस समय करनी चाहिए?
देवी मातंगी 10 महाविद्याओं में से 9वीं महाविद्या हैं. इनकी पूजा गुप्त नवरात्रि में करते हैं. देवी मातंगी की पूजा हमेशा रात के समय में करना अच्छा माना जाता है.
देवी मातंगी की पूजा करने के फायदे
1. यदि आप देवी मातंगी की पूजा करते हैं तो आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा. जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा.
2. जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में कोई अड़चन आ रही है, उनको देवी मातंगी की पूजा करनी चाहिए. जल्द विवाह के योग बनेंगे.
3. जो भी व्यक्ति गीत और संगीत की दुनिया में नाम कमाना चाहता है, सिद्धि प्राप्त करना चाहता है, उसे भी देवी मातंगी की पूजा करनी चाहिए.
4. वशीकरण विद्या की सिद्धि के लिए भी देवी मातंगी की आराधना करते हैं.
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