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Pitra Dosh Se Mukti ke Upay: पितृ दोष किसी की कुंडली में होने पर जीवन में बाधाएं लगातार बनी रहती हैं. ऐसे में यदि पितृपक्ष के दिनों में अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि किया जाए तो जीवन में सुख, समृ…और पढ़ें
ये है पितृ दोष के संकेत
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पितृ दोष होने पर जीवन में कई तरह की समस्याओं का आगमन शुरू हो जाता है. पितृ दोष से व्यक्ति के बनते-बनते काम रुक जाते हैं और जीवन में मायूसी और दुखों की झड़ी लग जाती है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है और पितृपक्ष से पहले उसे कुछ संकेत दिखाई देते हैं, जैसे वैवाहिक संबंधों में विवाद, परिवार में कलह का वातावरण, आर्थिक तंगी, व्यापार में नुकसान, परिवार के सदस्यों में लड़ाई झगड़ा होना, सपनों में पितृ पूर्वजों का दिखना, गृह क्लेश होना, अपशगुन का होना, नौकरी या प्रमोशन में रुकावट, सपनों में सर्प (सांप) का दिखना या छात्रों की पढ़ाई में बाधाएं, तो इन सभी संकेतों से पितृ दोष का आसानी से पता लगाया जा सकता है.
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का पिंडदान, तर्पण, जलांजलि, हवन यज्ञ और श्राद्ध कर्म करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है. इसके अलावा घर में कुछ विशेष सावधानियां रखने से भी लाभ होता है. घर में दो झाड़ू एक साथ नहीं रखें. टूटा हुआ सामान या शिक्षा से संबंधित वस्तुएं घर से बाहर फेंक दें. दक्षिण दिशा में पितरों के चित्र स्थापित करें. घर के मुख्य द्वार पर गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित करें. नित्य प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल दें और शाम के समय तेल का दिया जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखें.