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Tribal Dish: बालाघाट के आदिवासी समुदाय बरसात के दिनों में एक खास तरह की सब्जी उगाते हैं. इसे मानसून में तो खाते ही है, गर्मी में सुखाकर भी खाते हैं. इसके कई बड़े फायदे हैं…
बारिश के दिनों में बनती है सब्जी
खुर्सीपार निवासी लक्ष्मण अर्मो बताते हैं कि इसे बारिश के दिनों में भाजी के रूप में बनाते हैं. इसके लिए सबसे पहले इसे उबालते हैं. इसके बाद आम की खटाई और नमक, मिर्च, हल्दी डाल कर इसे पकाया जाता है. फिर ये भाजी बिना किसी ज्यादा मसाले के तैयार हो जाती है. इसे बनाने का प्रोसेस बेहद आसान है. बारिश के दिनों में यह आदिवासियों के खान पान का अहम हिस्सा है. इसे रोटी या चावल के साथ बड़े ही चाव से खाया जाता है.
लक्ष्मण ने बताया, जब चेच भाजी मुलायम होती है, तब इसे भाजी के तौर पर बनाया जाता है. लेकिन, जैसे-जैसे इसकी पत्तियां जठर होती जाती हैं, तब इस तोड़ा जाता है. इसे सुखाया जाता है. इसके बाद इसे ठंड में नहीं खाया जाता. गर्मी के लिए संरक्षित किया जाता है. वहीं, गर्मी में इसे दाल के साथ बनाया जाता है. यह भी खाने में स्वादिष्ट होती है.
मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर
प्रति 100 ग्राम खाने योग्य पत्तियों में 81.4 ग्राम पानी, खनिज 2.7 ग्राम, 5.1 ग्राम प्रोटीन, कैल्शियम 241 मिग्रा एवं फास्फोरस 83 मिग्रा पाया जाता है. वनस्पति वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सब्जी गर्मी में पेट साफ करने के साथ-साथ भूख बढ़ाने में भी सक्षम है. आयुर्वेद भी इसकी ताकत को मानता है. ये भाजी पेट के लिए रामबाण है. इसके सेवन से पेट साफ रहता है. पेट साफ तो सेहत फिट. हालांकि, किसी भी सब्जी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-cheche-vegetable-available-only-in-rainy-season-tribals-grow-dry-eat-in-summer-know-benefits-local18-9553362.html