Monday, October 6, 2025
25 C
Surat

Radha Ashtami 2025 Bhog radha rani ka priya bhog prasad in hindi and bhog mantra | राधा अष्टमी पर श्रीजी के भोग में ये 6 चीजें मुख्य… बाकी आपकी श्रद्धा, भोग लगाते जरूर करें इस मंत्र का करें जप


Radha Ashtami 2025 Bhog Prasad In Hindi :भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. राधा अष्टमी कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रज की वंदनीय अधिष्ठात्री देवी श्री राधा रानी का प्राकट्य हुआ था. राधा केवल नाम नहीं है, यह पूरी सृष्टि को चलाने वाली ऊर्जा है. शास्त्रों में कहा गया है कि राधा नाम बिना कृष्ण का नाम अधूरा है. अगर आपको कृष्णजी के दर्शन और आशीर्वाद चाहिए तो राधा राधा नाम जप करें. अब बात करते हैं राधा रानी के भोग की. राधा रानी के भोग में 6 चीजें मुख्य होती है, बाकि चीजें आप श्रद्धानुसार अर्पित कर सकते हैं लेकिन इन चीजों के बिना राधारानी के भोग की थाली अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं राधा रानी के भोग में किन चीजों का होना आवश्यक है.

राधा रानी को भोग लगाने का महत्व

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन विधि विधान के साथ श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा अर्चना करने से सभी दोष व परेशानियों से मुक्ति मिलती है और सभी कार्य माता रानी की कृपा से पूरे होते हैं. राधा नाम में इतनी महत्ता है कि पूरी सृष्टि की ऊर्जा इस नाम में समाहित है. मान्यता है कि राधा जी का प्रिय भोग, श्रीकृष्ण को भी अत्यंत प्रिय होता है. भोग अर्पण करने से भक्त के मन के विकार शांत होते हैं और ईश्वर से सीधा संबंध जुड़ता है. भोग अर्पण के बाद उसे महाप्रसाद के रूप में ग्रहण करना घर में सुख-शांति और सौभाग्य लाता है.

राधा रानी के भोग की 6 मुख्य चीजें

1- दही अरबी की सब्जी – सरल और सात्त्विक, व्रत उपयुक्त व्यंजन
2- रबड़ी – दूध से बनी मीठी रबड़ी, राधा जी को अत्यंत प्रिय
3- केसर युक्त खीर – पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक
4- मौसमी फल – शुद्धता और प्राकृतिक ऊर्जा के रूप में अर्पित
5- मालपुए – माखन-मिश्री की भांति राधा-कृष्ण के प्रिय पकवान
6- पंचामृत – (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से बना, पूजन का अनिवार्य अंश

राधा रानी को भोग लगाने का मंत्र

राधा अष्टमी पर राधा रानी को भोग अर्पित करते समय मंत्र जप अवश्य करना चाहिए. मान्यता के अनुसार, इस मंत्र जप के बिना राधा रानी भोग को स्वीकार नहीं करती हैं. इसलिए राधा रानी को भोग लगाते समय मंत्र जप अवश्य किया जाता है. मंत्र है – त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

राधा रानी के मंत्र भोग का अर्थ है कि हे राधा रानी जो भी मेरे पास है, वह आपका दिया हुआ है. मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं. भक्त के इस भोग को आप स्वीकार करें.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/radha-ashtami-2025-bhog-radha-rani-ka-priya-bhog-prasad-in-hindi-and-bhog-mantra-ws-kl-9567477.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img