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हैदराबाद के गाचीबोवली क्षेत्र का नाम एक 200 साल पुराने कुएं पर आधारित है, जो आसफ जाही शासनकाल में बना था. 30 लाख लीटर क्षमता वाला यह कुआं कभी स्थानीय जरूरतों को पूरा करता था. अब इसे CHIREC स्कूल और रेनवाटर प्रो…और पढ़ें

यह प्राचीन कुआं निजाम युग की शानदार वास्तुकला का प्रतीक है. यह चौकोर आकार में बना हुआ है और इसकी गहराई तक जाने के लिए तीन स्तरों पर दो-दो सीढ़ियां बनाई गई हैं. कभी इसमें चार मेहराबें भी थीं, जो अब समय के साथ नष्ट हो चुकी हैं. आज यह बावड़ी जर्जर स्थिति में है और उपेक्षा का शिकार है. यह स्थल मुख्य गाचीबोवली क्षेत्र से लगभग ग्यारह किलोमीटर दूर तेलपुर में स्थित है, जो दिलावर शाह बेगम मस्जिद के पास एक संकरी गली में पड़ता है. इतिहास और विरासत की यह झलक आज भी संरक्षित किए जाने की प्रतीक्षा कर रही है.
स्थानीय लोगों के द्वारा बताया गया कि 30,00,000 लीटर की क्षमता वाला यह कुआं पहले मस्जिद, स्कूलों, आवासीय और सामुदायिक क्षेत्र के सदस्यों को लाभान्वित करता था और साथ ही सिंचाई और भंडारण में भी मदद करता था. अब सिर्फ एक विरासत के रूप में जाना जाता है.
कुएं का रीइन्वेंट
लगातार मलबा और कचरा डालने से कुआं क्षतिग्रस्त हो गया, CHIREC इंटरनेशनल स्कूल फंडर है और रेनवाटर प्रोजेक्ट और SAHE कार्यान्वयनकर्ता हैं जिन्होंने इस विरासत संरचना को बहाल करने की जिम्मेदारी ली और इसको दोबारा से बहाल किया. ताकि इसके इतिहास को लोग जान सके. यह गाचीबोवली का एक अहम हिस्सा है.
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