माहवारी की औसत आयु पहले से घटी
टीओआई में छपी एक खबर के अनुसार, डॉक्टर्स के अनुसार, माहवारी की औसत आयु 12-13 साल से घटकर 9-11 साल हो गई है. माहवारी की इस जल्दी शुरुआत का मतलब है कि शुरुआती कुछ वर्षों में अनियमित चक्र, मुंहासे और बालों का बढ़ना सामान्य है, लेकिन इन्हें अक्सर पीसीओएस समझ लिया जाता है. बेंगलुरू के गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार, पीरियड्स का जल्दी आने का ये मतलब नहीं कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है. खासकर, बेंगलुरू में प्रत्येक सप्ताह कम से कम 10-15 ऐसे मामले देखे जा रहे हैं. कई बार माहवारी शुरू होने के तुरंत बाद उसका अनियमित होना सामान्य है.
डॉक्टर्स के अनुसार, सोशल मीडिया ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है. आज अधिकतर किशोरियां खुद ही अपने आप को पीसीओएस का रोगी मान लेती हैं. चेहरे पर छोटे-छोटे रोएं, बाल नजर आते हैं तो परेशान हो जाती हैं. ऑनलाइन वीडियो देखकर, अपनी दोस्तों से बात करने के बाद पेरेंट्स के पास इलाज कराने की बात करती हैं.
कैसे करें पीसीओएस की पुष्टि
पीसीओएस की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर स्पष्ट मानदंडों पर जोर देते हैं, जिसमें माहवारी के एक विशेष चरण में कम से कम 20 फॉलिकल्स का होना जरूरी है. हालांकि, किशोरियों और पेरेंट्स में इसका ओवरडायग्नोसिस एक चिंता का विषय है. डॉक्टर मानते हैं कि जीवनशैली से जुड़ी वजहें वास्तव में पीसीओएस (PCOS) के शुरुआती लक्षणों को बढ़ावा दे रही हैं. अधिक मीठा और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन , मोटापा, निष्क्रिय दिनचर्या, तनाव अक्सर इसके प्रमुख कारण होते हैं.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-is-there-any-connection-of-early-menstruation-with-pcos-experts-warn-on-pcos-overdiagnosis-as-age-of-menstruation-decreased-in-teens-ws-kl-9571605.html