माणिक्य रत्न क्या है?
माणिक्य एक कीमती पत्थर है जो लाल या गुलाबी रंग में पाया जाता है. इसका चमकदार रूप देखने में जितना सुंदर होता है, इसका प्रभाव भी उतना ही तेज़ होता है. यह रत्न मूल रूप से सूर्य से संबंधित होता है. सूर्य का प्रभाव जीवन में आत्मबल, नेतृत्व की क्षमता, सम्मान और प्रतिष्ठा लाता है. माणिक्य, सूर्य की ऊर्जा को सीधा शरीर में पहुंचाने का माध्यम माना जाता है.
माणिक्य पहनने से क्या फायदे हो सकते हैं?
1. आत्मविश्वास में वृद्धि – इसे पहनने से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और वह बिना झिझक के अपने विचार सामने रख पाता है.
2. मान-सम्मान की प्राप्ति – यह रत्न व्यक्ति को सामाजिक और राजकीय क्षेत्रों में प्रतिष्ठा दिलाता है.
3. पिता से संबंध सुधरते हैं – सूर्य को पिता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इससे पारिवारिक रिश्तों में मिठास आती है.
4. नेतृत्व क्षमता बढ़ती है – जो लोग प्रशासन, राजनीति, शिक्षा या किसी जिम्मेदार पद पर हैं, उनके लिए यह रत्न बेहद लाभदायक हो सकता है.
5. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार – खासकर आंखों, हड्डियों और दिल से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है.
-अगर आपका लग्न कन्या, तुला, मिथुन या कुंभ है, तो यह रत्न नुकसान कर सकता है.
-जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या दिल की बीमारी है, उन्हें इसे पहनने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए.
-जिनका काम शनि से संबंधित है, जैसे कि लोहा, पेट्रोल, खनिज, या मशीनरी, उन्हें भी इससे दूर रहना चाहिए.
-यदि किसी का पिता से रिश्ता बहुत खराब है या मनमुटाव है, तो माणिक्य पहनना उल्टा असर दे सकता है.
माणिक्य कैसे पहनें?
-यह रत्न साफ और पारदर्शी होना चाहिए.
-इसे सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाना सबसे अच्छा माना जाता है.
-अनामिका (रिंग फिंगर) में रविवार को दोपहर 12 बजे के आसपास धारण करना शुभ होता है.
-इसे पहनने से पहले गंगाजल से धोकर सूर्य को अर्घ्य देकर, एक साफ लाल कपड़े पर रखकर मंत्रों के साथ पूजा करें.