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Ayodhya News: शशिकांत दास बताते हैं कि हनुमान जी महाराज वैसे तो सप्ताह में शनिवार और मंगलवार का दिन हनुमान जी महाराज को समर्पित है.
सुंदरकांड की चौपाई है चमत्कारी
दरअसल, रामचरितमानस के सुंदरकांड में हनुमान जी महाराज की महिमा का उल्लेख किया गया है. किस प्रकार हनुमान जी महाराज लंका में जाते हैं और माता सीता का पता लगते हैं और फिर वह प्रभु राम को माता सीता का समाचार सुनाते हैं. सुंदरकांड में कुछ ऐसे दोहे और चौपाई हैं जिनका अनुसरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं.
सुंदरकांड में एक दोहा है ” दो-रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ। नव तुलसिका बृंद तहँ देखि हरषि कपिराइ।।” इस दोहे में हनुमान जी महाराज के अशोक वाटिका में माता सीता की खोज करने का वर्णन किया गया है. जहां हनुमान जी महाराज यह अनुमान लगाते हैं कि माता सीता यहीं पर हो सकती हैं यानी कि हनुमान जी महाराज लंका में माता सीता की खोज कर रहे हैं. इस दोहे के बारे में विस्तार से शशिकांत दास बताते हैं .
अर्थात जिस घर में प्रभु राम के धनुष और बाण के चिन्ह थे उसकी शोभा का वर्णन नहीं किया जा सकता. ऐसा हनुमान जी महाराज लंका में मौजूद होकर कर रहे हैं.
अर्थात वहां पर हनुमान जी महाराज तुलसी के पौधे को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं. अशोक वाटिका का उल्लेख इस दोहे में किया गया है.
शशिकांत दास बताते हैं कि हनुमान जी महाराज वैसे तो सप्ताह में शनिवार और मंगलवार का दिन हनुमान जी महाराज को समर्पित है, लेकिन अगर प्रतिदिन आप हनुमान जी महाराज की आराधना करते हैं, तो ऐसा करने से समस्त पाप से जहां मुक्ति मिलती है, तो वहीं जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियां खत्म होती है.