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इंटीमेट रिलेशनशिप के समय कुछ लोग पसीने से तर-बतर क्यों हो जाते हैं? डॉक्टर ने बताया कारण और इससे बचने के उपाय


why you and your partner sweat during sex: सेक्स भले ही हमारी लोकप्रिय संस्कृति में व्याप्त हो, लेकिन सच्चाई तो यह है कि हमारे समाज में सेक्स ऐसा टॉपिक है जिस पर आज भी खुलकर बात करने में लोग झिझकते हैं. चाहे बच्चे हों या बड़े, घर हो या स्कूल, इस बारे में लोग खुलकर न बात कर पाते हैं न ही सुनना चाहते हैं. वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट प्रोफेसर (डॉ) सारांश जैन के मुताबिक, सेक्स पर बातें न करना और ऐसे टॉपिक को छिड़ने से रोकना ही इसकी जानकारी के अभाव का सबसे बड़ा कारण है. खासकर किशोर और युवा इसे इंटरनेट या दोस्तों से जानने की कोशिश करते हैं. नतीजन वहां से अधूरी या गलत जानकारी पाते हैं.

आपको बता दें कि, यदि हम मसल्स रेसिस्टेंस वाली एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर से बहुत पसीना निकलता है. इससे कैलोरी बर्न होती है और वेट कंट्रोल होता है. ठीक इसी तरह सेक्स में पूरा शरीर शामिल होता है. यदि ऑर्गेज़्म के लिए बहुत अधिक प्रयास किया जाता है, तो दोनों पार्टनर के शरीर से पसीना निकलने लगता है. कुछ लोग इस दौरान पसीना से तर बतर हो सकते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? क्या होता है आपके सेक्स सेशन पर पसीने का प्रभाव? आइए जानते हैं सेक्स के दौरान पसीना (Sweating during sex) आने के बारे में सब कुछ.

इंटीमेट रिलेशनशिप के दौरान पसीना आने का कारण

डॉक्टर के मुताबिक, सबसे पहले पसीना आना कोई दोष नहीं है. यह आपके शरीर की अंतर्निहित शीतलन प्रणाली है. सेक्स के दौरान, शरीर अनिवार्य रूप से शारीरिक व्यायाम कर रहा होता है. इससे हृदय गति बढ़ जाती है, सांसें भारी हो जाती हैं और मांसपेशियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं. ये सभी परिवर्तन शरीर के तापमान को बढ़ाते हैं. इसके बाद अधिक गर्मी से बचने के लिए, मस्तिष्क पसीने की ग्रंथियों को नमी छोड़ने का संकेत देता है. जैसे ही पसीना त्वचा से वाष्पित होता है, यह शरीर को ठंडा करता है. ठीक वैसे ही जैसे जिम में या दौड़ते समय पसीना आना. एसएनएस यौन उत्तेजना (sympathetic nervous system) और तनाव प्रतिक्रिया (sweating, increased pulse) दोनों को नियंत्रित करता है

सेक्स के आनंददायक होने का संकेत है पसीना आना

सेक्स सिर्फ़ शारीरिक नहीं, बल्कि गहरा मनोवैज्ञानिक पहलू है. जब किसी को परफॉर्मेंस की चिंता, या “अपने साथी को संतुष्ट न कर पाने” का डर, ये सभी चिंताएं तनाव को ट्रिगर कर सकते हैं. बता दें कि, जब चिंता होती है, तो शरीर एड्रेनालाईन छोड़ता है, जो न सिर्फ़ हृदय गति बढ़ाता है, बल्कि पसीने की ग्रंथियों को भी सक्रिय करता है. यही कारण है कि कुछ लोगों को इंटीमेट होने से पहले ही हथेलियों में पसीना आने लगता है. या फिर तनावपूर्ण की स्थिति में उनके बगल गीले हो जाते हैं. हालांकि, कुछ सेक्स पार्टनर को लगता है कि सेक्स के दौरान पसीने से तरबतर होना पार्टनर के लिए टर्न ऑफ के समान है. लेकिन, ऐसा सोचना गलत है. जबकि, हकीकत ये हैं कि सेक्स के दौरान स्टीमिंग एक बढ़िया संकेत है.

अधिक पसीने के पीछे शारीरिक कारक

हाइपरहाइड्रोसिस: कुछ व्यक्तियों में प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस होता है, जो विशेष रूप से हथेलियों, तलवों, बगलों और कमर में पसीने की ग्रंथियों के अतिसक्रिय होने की स्थिति है. हालांकि, यह हानिकारक नहीं है, लेकिन यह शारीरिक या भावनात्मक उत्तेजना, जिसमें यौन संबंध भी शामिल है. इसलिए सेक्स के दौरान अत्यधिक पसीना आने का कारण बन सकता है.

चयापचय कारक: हर किसी का शरीर अलग होता है. इसलिए किस व्यक्ति को कितना पसीना आता है, इसमें चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) अहम भूमिका निभाता है. ज़्यादा मांसपेशियों वाले या तेज़ बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) वाले व्यक्ति स्वाभाविक रूप से ज़्यादा शरीर में गर्मी पैदा करते हैं, जिससे शरीर को पसीना बहाकर खुद को ठंडा करने की ज़रूरत बढ़ जाती है. दूसरी ओर, भारी शरीर में वसा वाले लोगों को भी ज़्यादा पसीना आ सकता है. क्योंकि, वसा इन्सुलेशन का काम करती है, जिससे शरीर के लिए तापमान को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. नतीजतन, ज़्यादा बीएमआर और मोटापा, दोनों ही यौन क्रिया के दौरान ज़्यादा पसीना आने का कारण बन सकते हैं.

हार्मोनल प्रभाव: यौन हार्मोन पसीने की ग्रंथियों की गतिविधि पर सीधा प्रभाव डालते हैं और यौन क्रिया के दौरान व्यक्ति के पसीने की मात्रा को प्रभावित कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, टेस्टोस्टेरोन चयापचय दर को बढ़ाता है और वसामय और पसीने की ग्रंथियों, दोनों को उत्तेजित करता है, जिससे अधिक पसीना आता है. वहीं, महिलाओं को पसीना आने से पहले गर्म होने की आवश्यकता होती है. यहां भी एस्ट्रोजेन भूमिका निभाता है, क्योंकि यह महिलाओं के शरीर के तापमान को कम करता है. यानी किसी भी महिला-पुरुष का शरीर जितना बड़ा होता है, उतनी ही वह अधिक गर्मी उत्पन्न करता है और स्टीमिंग अधिक होती है.

चिंता और साइक्लोजिकल ट्रिगर: प्रदर्शन की चिंता या शरीर की छवि की चिंता हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (एचपीए) अक्ष को सक्रिय करती है, जिससे कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन का स्राव होता है. ये हार्मोन पसीने के स्राव को बढ़ाते हैं, खासकर हथेलियों और तलवों में, जिसे अक्सर “नर्वस स्वेटिंग” कहा जाता है. इसके अलावा, कमरे का तापमान, वातावरण, हाइपरथायरायडिज्म जैसी स्थितियां, दवा के दुष्प्रभाव भी पसीने का कारण हो सकता है.

सेक्स सेशन के दौरान पसीने का प्रभाव कम करने के तरीके

कमरे को ठंडा रखें: एयर कंडीशनिंग, पंखे या हल्के बिस्तर का इस्तेमाल करें. बता दें कि, ठंडा वातावरण पसीने को कम करता है.

सेक्स से पहले स्नान: इंटीमेट रिलेशनशिप से पहले स्नान करने से त्वचा का तापमान कम होता है. साथ ही, दोनों कपल्स को ताजगी महसूस होती है.

हाइड्रेटेड रहें: पानी पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और अधिक गर्मी लगने की समस्या कम होती है.

आसनों के साथ प्रयोग: कुछ आसन ज़्यादा शारीरिक परिश्रम उत्पन्न करते हैं. कम श्रमसाध्य आसन अपनाने से मदद मिल सकती है.

हल्के कपड़े पहनें: इंटीमेट रिलेशनशिप के दौरान हल्के कपड़े पहनें. इससे त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने वाली गर्मी को कम करने मदद मिल सकती है.

चिंता छोड़ें: अपने साथी के साथ खुलकर बातचीत करें. सचेत रहें और प्रदर्शन के बजाय आनंद पर ध्यान केंद्रित करें. इससे तनाव से उत्पन्न पसीना कम हो सकता है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-why-does-sweating-occur-during-intimate-relationship-professor-saransh-jain-reveals-ws-kln-9584339.html

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