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Nainital News: आजकल बच्चों में पढ़ाई का दबाव और स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण याददाश्त और एकाग्रता में कमी देखी जा रही है. ऐसे में सही खानपान उनकी मानसिक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है.

अखरोट को ब्रेन फूड कहा जाता है क्योंकि इसका आकार भी दिमाग जैसा होता है और गुण भी उतने ही खास. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो दिमागी विकास और याददाश्त को मजबूत बनाते हैं. बच्चों को स्नैक के तौर पर या दूध के साथ अखरोट देना सबसे अच्छा विकल्प है. यह न केवल उनकी मेमोरी तेज करता है, बल्कि मूड को भी स्थिर रखता है. पढ़ाई के दबाव में रहने वाले बच्चों के लिए यह फूड एकदम परफेक्ट माना जाता है.

ब्लूबेरी स्वाद में तो लाजवाब होती ही है, साथ ही यह बच्चों की मानसिक क्षमता को भी बढ़ाती है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स दिमाग की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं और न्यूरॉन्स को एक्टिव रखते हैं. इससे बच्चे लंबे समय तक फोकस कर पाते हैं और थकान कम महसूस करते हैं. इसे फ्रूट सलाद, शेक या स्मूदी के रूप में बच्चों को आसानी से दिया जा सकता है. नियमित सेवन से यह दिमाग को तेज करने के साथ-साथ सीखने की क्षमता को भी बेहतर बनाती है.

अंडा बच्चों की डाइट का सबसे सस्ता और असरदार सुपरफूड है. इसमें प्रोटीन के साथ कोलीन नामक पोषक तत्व पाया जाता है, जो दिमाग के मेमोरी सेंटर को मजबूत बनाता है. उबला हुआ अंडा, आमलेट या ब्रेड के साथ अंडा बच्चों को रोजाना खिलाया जा सकता है. यह ब्रेन सेल्स की ग्रोथ करता है और मानसिक विकास को तेज करता है. सुबह का नाश्ता अंडे के बिना अधूरा माना जाता है. यह न केवल बच्चों की पढ़ाई में मदद करता है बल्कि उनकी एनर्जी लेवल को भी बनाए रखता है.

हरी पत्तेदार सब्जियां बच्चों की सेहत और दिमाग दोनों के लिए जरूरी हैं. खासतौर पर पालक में आयरन, फॉलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से एक्टिव बनाए रखता है. पालक ब्रेन सेल्स को ऊर्जा प्रदान करता है जिससे याददाश्त और सोचने की क्षमता बेहतर होती है. इसे सूप, पराठा या स्मूदी के रूप में आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है. जिन बच्चों को हरी सब्जियां कम पसंद हैं, उनके लिए पालक स्वादिष्ट रेसिपीज़ में मिलाकर दिया जा सकता है.

बच्चों को चॉकलेट बेहद पसंद होती है, लेकिन डार्क चॉकलेट उनके दिमाग के लिए किसी वरदान से कम नहीं. इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और कैफीन दिमाग को सक्रिय रखते हैं और मूड को बेहतर बनाते हैं. इससे बच्चे पढ़ाई में अधिक फोकस कर पाते हैं. हालांकि इसे सीमित मात्रा में ही देना चाहिए, ताकि मीठा नुकसान न करे. डार्क चॉकलेट का स्नैक के रूप में सेवन बच्चों को स्वाद और सेहत दोनों का संतुलन प्रदान करता है. यह न केवल तनाव कम करता है बल्कि सीखने और याद रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है.
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