Wednesday, September 24, 2025
25 C
Surat

Khatu Shyam Ji: 175 KM दौड़ते हुए पहुंचे श्याम भक्त, बाबा को अर्पित किया डाक निशान, जानिए इसकी मान्यता


Last Updated:

Khatushyam Ji Dak Nishan Yatra: बाबा श्याम के प्रति भक्तों की आस्था इतनी गहरी है कि वे मन्नतें पूरी होने पर कठिन से कठिन तप करने को तैयार रहते हैं. राजगढ़ से शुरू हुई डाक निशान यात्रा में 31 श्याम भक्तों ने लगभ…और पढ़ें

सीकर. विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम की महिमा निराली है. मान्यता है कि जो भी भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर मन्नत मांगता है, वह पूरी हो जाती है. यही कारण है कि बाबा श्याम के दरबार में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा सहित देश-विदेश से लाखों भक्त आते हैं. भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर या मनोकामना मांगने के लिए अलग-अलग तरीके से बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी देते हैं. कोई पैदल यात्रा करता है, कोई अपने शरीर पर कठोर तप करता है और कई भक्त तो नुकीली कीलों पर जंजीरों में बंधकर भी यहां पहुंचते हैं. इन्हीं अनूठी आस्थाओं में से एक है डाक निशान यात्रा, जिसमें भक्त दौड़ते हुए बाबा श्याम को ध्वज अर्पित करते हैं.

हाल ही में राजगढ़ के श्याम भक्तों ने अलवर, जयपुर और शाहपुरा से होते हुए खाटू धाम पहुंचकर डाक निशान अर्पित किया. राजगढ़ से आए 31 श्रद्धालुओं का दल लगभग 175 किलोमीटर की दूरी तय कर खाटूश्यामजी पहुंचा. दल के सदस्यों ने बताया कि यात्रा बेहद कठिन थी, लेकिन बाबा श्याम की कृपा से सब कुछ संभव हुआ. सभी ने तय दूरी तक लगातार दौड़ लगाकर बाबा को डाक निशान चढ़ाया है.

भारी बारिश में भी नहीं रुके श्याम भक्त

डाक निशान यात्रा की सबसे खास बात यह है कि इसमें ध्वज को लगातार दौड़ते हुए ही खाटूश्यामजी लाया जाता है. चाहे रास्ते में बारिश हो या तेज धूप, तूफान या ठंडी हवाएं श्याम भक्त किसी भी हाल में रुके नहीं. पिछले दिनों लगातार हो रही बारिश और जगह-जगह भरे पानी के बीच भी श्रद्धालु दौड़ लगाते हुए ध्वज लेकर बाबा के दरबार पहुंचे. आस्था और विश्वास के इस अद्भुत नजारे को देखकर हर कोई भावविभोर हो गए.

आपको बता दें कि डाक निशान यात्रा समूह में की जाती है. इसमें 11, 21 या उससे अधिक लोग शामिल होते हैं. सभी मिलकर दौड़ते हुए खाटू धाम पहुंचते हैं और वहां ध्वज अर्पित करते हैं. इस ध्वज को ही डाक निशान कहा जाता है. खाटूश्यामजी में चढ़ाया जाने वाला यह डाक निशान केवल आस्था का प्रतीक ही नहीं बल्कि बलिदान और दान का प्रतीक भी माना जाता है. मान्यता है कि जैसे महाभारत में बारहवें योद्धा रूप में भगवान श्याम ने धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश दान दिया था, उसी की स्मृति और प्रतीक रूप में यह ध्वज अर्पित किया जाता है. भक्त जब मन्नत पूरी होने या इच्छापूर्ति के उपलक्ष्य में निशान चढ़ाते हैं तो उसे शुभ माना जाता है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

175 KM दौड़ते हुए पहुंचे श्याम भक्त, बाबा को अर्पित किया डाक निशान

Hot this week

Navratri Nisha Puja Tantrik Vaidik Secrets

Last Updated:September 24, 2025, 19:33 ISTNisha Puja Vidhi:...

Topics

Navratri Nisha Puja Tantrik Vaidik Secrets

Last Updated:September 24, 2025, 19:33 ISTNisha Puja Vidhi:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img