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Varanasi News: काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि चंद्रग्रहण और उसके 9 घण्टे पहले शुरू होने वाले सूतक काल को लेकर शास्त्रों में कई संहिता तय किए गए है.
काशी के ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि चंद्रग्रहण और उसके 9 घंटे पहले शुरू होने वाले सूतक काल को लेकर शास्त्रों में कई संहिता तय किए गए है, जिसमें भोजन के साथ पूजा-अनुष्ठान तक को वर्जित किया गया है. लेकिन कुछ लोगों पर यह नियम लागू नहीं होता, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. 5 साल से छोटे बच्चे ग्रहण के दौरान भी भोजन कर सकतें हैं. सिर्फ भोजन ही नहीं बल्कि उनके पानी पीने पर भी कोई पाबंदी नहीं है. हालांकि, ये जरूर ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे जिस भोजन को खा रहे हैं उसमें सूतक काल की शुरुआत से पहले ही तुलसी के पत्ते जरूर पड़े हो.
इसके अलावा, ग्रहण काल में मल-मूत्र के त्याग भी नहीं करना चाहिए, लेकिन यह नियम भी बच्चों के साथ वृद्ध और बीमार जन पर लागू नहीं होता है. वैसे तो ग्रहण के शुरुआत और मोक्ष के बाद स्नान जरूरी है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए शास्त्रों में इसकी भी छूट है.
इस समय शुरू होगा ग्रहण
काशी के ज्योतिषी पण्डित संजय उपाध्याय के अनुसार, रविवार को ग्रहण काल की शुरुआत रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी. मध्य काल 11 बजकर 41 मिनट, जबकि मोक्ष रात 1 बजकर 27 मिनट पर होगा. सूतक की शुरुआत ग्रहण के स्पर्श से 9 घण्टे पहले होगी.