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Chandra Grahan 2025: मंगल ग्रह कैसे बनाता है आपको उग्र और चिड़चिड़ा? ज्योतिषाचार्य से जानें कारण और उपाय


जोधपुर. आज रात साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. यह खगोलीय घटना न केवल विज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिष और मान्यताओं के अनुसार भी इसका गहरा प्रभाव मनुष्य के मानसिक और भावनात्मक स्वरूप पर पड़ता है. खासतौर से ऐसे समय में जब चंद्रमा और मंगल ग्रह की कुंडली में स्थिति अशुभ हो, तो व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, असंतुलन और क्रोध की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ जाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित हेमंत बोहरा के अनुसार, चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतीक होता है, जबकि मंगल ऊर्जा, आत्मबल और गुस्से का कारक माना जाता है. यदि इन दोनों ग्रहों की दशा या गोचर खराब हो जाए, विशेषकर ग्रहण काल में तो व्यक्ति भावनात्मक अस्थिरता, उग्रता और मानसिक तनाव से घिर सकता है.  यही कारण है कि ग्रहण के समय और उसके आसपास की अवधि में मानसिक शांति बनाए रखना और आत्मिक शुद्धि अत्यंत आवश्यक मानी जाती है.

पंडितजी बताते हैं कि मंगल के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए मंगलवार का व्रत रखना, हनुमान चालीसा का पाठ करना, मसूर दाल का दान देना और लाल चंदन का तिलक लगाना लाभकारी होता है. वहीं चंद्रमा की स्थिति को सुधारने के लिए ध्यान, जल का दान, सफेद वस्त्र पहनना और शिव पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है. विशेषकर चंद्रग्रहण के दौरान शिव जी की पूजा और मंत्रजाप अत्यधिक फलदायी माने गए हैं, क्योंकि शिव को सभी ग्रहों के नियंत्रक त्र्यंबकेश्वर के रूप में जाना जाता है.  ग्रहण काल आत्मनिरीक्षण, मौन, साधना और मानसिक संतुलन के लिए श्रेष्ठ समय होता है. यदि व्यक्ति इस दौरान अपने अंदर की उग्रता और असंतुलन को समझते हुए उपयुक्त ज्योतिषीय उपाय अपनाए, तो जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है.

ज्योतिषीय उपाय

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषीय दुनिया की सभी गणनाएं 12 राशियों और 9 ग्रहों की चाल और उनसे बनने वाली शुभ-अशुभ स्थिति के इर्द-गिर्द घूमती है. कुंडली में इन 9 ग्रहों की स्थिति मजबूत होने पर आपके जीवन में सब कुछ अच्‍छा चलता है.  इनमें से कोई भी एक ग्रह यदि अशुभ स्थिति में हो तो आपको तमाम तरह के कष्‍ट और समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको बता रहे हैं इन 9 ग्रहों को अनुकूल बनाने के विशेष उपाय, जिनके प्रभाव से आपके सभी कष्‍ट दूर हो जाएंगे.

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास के अनुसार मंगल ग्रह साहस और ऊर्जा का कारक है, लेकिन इसकी अशुभ स्थिति क्रोध बढ़ा सकती है. इसे शांत करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें और हनुमान जी की आराधना करें. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें. मंगलवार को किसी मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर जमीन में दबा दें और तांबे का टुकड़ा भी जमीन में गाड़ दें. यदि कुंडली में मंगल कारक हो तो आप मूंगा रत्न धारण करने पर भी विचार कर सकते हैं.

मंगल ग्रह और गुस्से का संबंध

पंडितजी हेमंत बोहरा ने बताया कि मंगल जिससे खराब होता है, उसकी उग्रता होती है. उससे गुस्सा बहुत आता है. मंगल ग्रह की कमजोरी का परिणाम यह होता है कि कमजोर व्यक्ति को गुस्सा आता है. इसलिए मंगल को साधने के लिए रत्नों के उपाय में मूंगा पहनना चाहिए और भोजन में मसूर की दाल व लाल चीजों का ज्यादा उपयोग करना चाहिए. उग्रता और गुस्सा हर चीज में खराब है. यह शरीर को खत्म करने के साथ आपकी ऊर्जा को भी खत्म करता है. साथ ही आपके खून को खत्म करता है और अंततः जीवन को भी खत्म कर देता है.

ग्रह शांति और उग्रता निवारण के प्रभावी उपाय

गुस्से का कारक सूर्य और शनि भी है. इसलिए शिवलिंग पर काले तिल, उड़द और सरसों का तेल चढ़ाने से सुख, समृद्धि और उग्रता खत्म होती है. धार्मिक अनुष्ठान जैसे पूजा-पाठ, दान आदि ग्रहों को शांति करने के लिए किए जा सकते हैं. ज्योतिष में जो उपाय लिखे हुए हैं, उन्हीं उपायों से जीवन बदलता है और ग्रह भी उपायों के अनुसार चलते हैं. मंत्राधिराज देवता, देवता मंत्र और अन्य मंत्रों से ही उपाय संभव होता है. सबसे प्रभावकारी मंत्र जो उग्रता को शांत करता है.

इन मंत्रों का करें जाप

“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, गोविन्दाय नमो नमः” मंत्र का 108 बार जाप नृत्यपूर्वक सुबह करें. इस मंत्र के जाप के बाद कोई कार्य किया जाएगा तो सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और उग्रता समाप्त हो जाती है. साथ ही जीवन सफल हो जाता है. उग्रता की जो स्थिति है, वह लंबे समय तक बनी रह सकती है. इसके समाधान के लिए यही उपाय कारगर है. मंगल सात वर्ष तक प्रभावित करता है, इसलिए दो वर्ष पहले से ही इसका उपाय शुरू कर देना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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