बासी भोजन, खाना को बार-बार गर्म करने के नुकसान
आयुर्वेद के अनुसार, ताजा बना हुआ भोजन सात्विक होता है. यह भोजन पकने के कुछ घंटों के भीतर खा लेना चाहिए, क्योंकि तब तक इसमें ‘प्राणशक्ति,’ यानी जीवन ऊर्जा, बनी रहती है. पकने के 8 घंटे बाद वही भोजन राजसिक हो जाता है, और इसके बाद ‘तामसिक’ हो जाता है, यानी ऐसा खाना जो शरीर में सुस्ती, भारीपन और मानसिक थकावट लाता है.
दूसरी ओर, जो लोग बार-बार गरम किया गया या लंबे समय तक रखा हुआ बासी खाना खाते हैं, उनका पाचन कमजोर होता है, शरीर में टॉक्सिन्स बनते हैं और मन चिड़चिड़ा हो जाता है. खासतौर पर बच्चों और युवाओं पर इसका गहरा असर पड़ता है. जो बच्चे जंक फूड और ठंडा खाना ज्यादा खाते हैं, उनकी एकाग्रता कम होती है, वे जल्दी थक जाते हैं और गुस्से या उदासी का शिकार हो सकते हैं.
यही वजह है कि आयुर्वेद और विज्ञान दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि खाना समय पर और शांत मन से खाना चाहिए, ताकि वह सिर्फ शरीर को नहीं, मन को भी पोषण दे सके. ऐसे में आप चाहते हैं लंबी उम्र तक स्वस्थ रहना तो घर का बना फ्रेश खाना ही खाएं, ताकि उसे बार-बार गर्म न करना पड़ा.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-eating-stale-food-and-reheating-frequently-increases-toxins-in-body-know-side-effects-basi-khana-khane-ke-nuksan-ws-kl-9599423.html