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Pitru Paksha 2025 : पितृपक्ष 2025 की शुरुआत के साथ हर घर में श्राद्ध कर्म की तैयारियां हो रही हैं. अक्सर सवाल उठता है कि यदि दो तिथियां एक ही दिन पड़ जाए तो क्या एक ही दिन में दो लोगों का श्राद्ध करना उचित है? …और पढ़ें
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि श्राद्ध पक्ष के दिन पंचांग की गणना के अनुसार निर्धारित होते हैं. जैसे अंग्रेजी कैलेंडर की तिथियां समय के अनुसार चलती हैं, वैसे ही पंचांग की तिथियां सूर्य और चंद्रमा की चाल के अनुसार चलती हैं. इसलिए इन तिथियों का समय परिवर्तित होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार श्राद्ध पक्ष की तिथियां 24 घंटे से ज्यादा या कम हो जाती हैं, जिस कारण एक दिन में दो श्राद्ध आ जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार एक दिन में दो श्राद्ध करने पर कोई दोष नहीं लगता क्योंकि यह पितरों के शरीर त्यागने वाली तिथियां होती हैं.
इन तिथियों में पितरों का श्राद्ध करने पर पितरों का संपूर्ण आशीर्वाद मिलता है और जीवन में चल रही समस्याएं खत्म हो जाती हैं. साल 2025 में तृतीय और चतुर्थी श्राद्ध एक ही दिन होगा, जिसे एक समय के अंतराल में कर सकते हैं. यानी एक श्राद्ध सुबह 12:00 बजे से पहले और दूसरा श्राद्ध दोपहर को करने पर लाभ मिलता है. यह श्राद्ध 10 सितंबर, बुधवार को होगा, जबकि श्राद्ध पक्ष में सप्तमी का श्राद्ध क्षय है. इस साल 15 दिन में 16 श्राद्ध किए जाएंगे क्योंकि तृतीया और चतुर्थी श्राद्ध एक ही दिन किए जाएंगे.
NOTE: पितृ पक्ष के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.