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Health Tips: निंबोली – नीम का छोटा फल जो त्वचा, बाल और शुगर सहित स्वास्थ्य को बनाए मजबूत और संतुलित


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Health Tips: नीम का छोटा फल निंबोली आयुर्वेद में “महाऔषधि” माना जाता है. बरसात में फंगल और त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाने के साथ यह बालों की मजबूती और शुगर नियंत्रण में भी मदद करती है. निंबोली का नियमित उपयोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और इसे पाउडर, लेप या काढ़े के रूप में सेवन या प्रयोग किया जा सकता है.

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भीलवाड़ा – आमतौर पर हर गली मोहल्ले या फिर गांव में चाहे खेत खलियान हो या फिर गांव का चौराहा हो नीम का पेड़ आसानी से दिखाई दे जाता है. आयुर्वेद में नीम को “महाऔषधि” का दर्जा दिया गया है. जितनी यह कड़वी होती है, उतनी ही फायदेमंद भी मानी जाती है. नीम एक ऐसा पेड़ है जिसकी पट्टी से लेकर छाल और फल तक फायदेमंद होते हैं खासकर नीम पर लगने वाला छोटा-सा फल निंबोली कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण साबित होता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीबायोटिक, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर को बीमारियों से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

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बरसात के मौसम में अक्सर फंगल इन्फेक्शन और स्किन की समस्याएं तेजी से फैलती हैं. इस दौरान निंबोली का सेवन या उपयोग शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है. नीम और इसकी निंबोली का सेवन प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है.

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त्वचा रोगों के लिए निंबोली किसी वरदान से कम नहीं है. इसका नियमित उपयोग खुजली, दाद, फुंसी और अन्य चर्म रोगों को ठीक करने में मदद करता है. यही नहीं, यह त्वचा पर तेजी से असर कर उसे स्वस्थ और साफ बनाती है. बरसात में जहां कई लोग स्किन इंफेक्शन से परेशान रहते हैं, वहीं निंबोली एक प्राकृतिक इलाज के रूप में कारगर साबित होती है.

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बालों की समस्या जैसे डैंड्रफ, बाल झड़ना और रूखापन भी निंबोली से दूर किया जा सकता है. इसका पेस्ट या तेल सिर पर लगाने से जड़ों को मजबूती मिलती है और बालों में प्राकृतिक चमक आती है. आयुर्वेद में इसे बालों के लिए एक सस्ती और असरदार औषधि बताया गया है.

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शुगर के मरीजों के लिए निंबोली किसी वरदान से कम नहीं है. इसका सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है. यह मधुमेह रोगियों की इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करती है. वहीं, गर्मी के दिनों में यह शरीर को ठंडक देने और दुष्प्रभावों से बचाने में भी असरदार होती है.

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नीम का पौधा लगभग हर जगह पाया जाता है और उस पर पीले रंग की निंबोली आसानी से मिल जाती है. लोग इसे आंतरिक और बाहरी दोनों तरीकों से उपयोग कर सकते हैं. इसका पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है, लेप तैयार कर त्वचा पर लगाया जा सकता है और उबालकर काढ़ा बनाकर भी लिया जा सकता है.

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निंबोली का नियमित और सही उपयोग शरीर को कई गंभीर बीमारियों से दूर रखने की ताकत रखता है. चाहे बात त्वचा, बालों या शुगर जैसी समस्या की हो, यह प्राकृतिक औषधि हर तरह से स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करती है. इसीलिए इसे “प्रकृति का उपहार” भी कहा जाता है.

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नीम का निंबोली फल: त्वचा, बाल और शुगर के लिए आयुर्वेदिक वरदान


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