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Rishikesh News: ज्योतिषी अखिलेश पांडेय ने कहा कि गायत्री मंत्र का महत्व वेदों से लेकर आधुनिक काल तक स्वीकार किया गया है. यह मंत्र ऋग्वेद से उत्पन्न हुआ और इसे वेदों की माता कहा जाता है.
ऋषिकेश: मानव जीवन में शिक्षा का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि शिक्षा ही व्यक्ति को ज्ञान, विवेक और सफलता की राह पर ले जाती है. आज के प्रतिस्पर्धी युग में विद्यार्थियों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ता जा रहा है जिससे कई बार वे मानसिक तनाव, एकाग्रता की कमी और आत्मविश्वास की कमी का अनुभव करते हैं. ऐसे में भारतीय संस्कृति और परंपरा में बताए गए कुछ आध्यात्मिक उपाय विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. इन्हीं उपायों में से एक है गायत्री मंत्र का जाप. यह मंत्र न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, बल्कि मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए भी लाभकारी माना जाता है.
गायत्री मंत्र का महत्व
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित गृह स्थानम के ज्योतिषी अखिलेश पांडेय ने कहा कि गायत्री मंत्र का महत्व वेदों से लेकर आधुनिक काल तक स्वीकार किया गया है. यह मंत्र ऋग्वेद से उत्पन्न हुआ और इसे वेदों की माता कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित उच्चारण से बुद्धि का विकास होता है और मनुष्य के विचार पवित्र और सकारात्मक बनते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि उनकी शिक्षा यात्रा में सबसे अधिक आवश्यकता एकाग्रता, स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास की होती है.
गायत्री मंत्र के जाप से मन होता है स्थिर
जब कोई विद्यार्थी दिन में 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करता है तो सबसे पहले उसका मन स्थिर होता है. तनाव और चिंता कम होने लगती है जिससे उसका ध्यान पढ़ाई पर अधिक केंद्रित होता है. इस मंत्र का उच्चारण करते समय शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो नकारात्मक विचारों और आलस्य को दूर कर देता है.गायत्री मंत्र का नियमित जाप स्मरण शक्ति को भी प्रबल बनाता है. विद्यार्थी जब कठिन विषयों और लंबे पाठों को याद करने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो यह मंत्र उनकी मानसिक शक्ति को बढ़ाकर उन्हें तेजी से याद करने और लंबे समय तक याद रखने की क्षमता प्रदान करता है. यही कारण है कि विद्वानों और गुरुओं ने हमेशा बच्चों को गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दी है.
गायत्री मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सहायक
इसके अलावा, गायत्री मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सहायक है. आज की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में विद्यार्थियों के लिए आत्मविश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बिना आत्मविश्वास के ज्ञान भी अधूरा साबित होता है. इस मंत्र का प्रभाव इतना गहरा होता है कि यह विद्यार्थियों को सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित करता है और उनके निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत बनाता है.
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