लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि, एस्ट्रोजन की कमी के कारण महिलाओं में हार्ट अटैक का भी जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए अगर किसी महिला को इस बदलाव के दौरान कुछ लक्षण दिखें तो तुरंत सावधान हो जाएं. अब सवाल है कि आखिर मेनोपॉज के दौरान हार्ट अटैक का जोखिम क्यों? मेनोपॉज में हार्ट अटैक आने से पहले कौन से लक्षण दिखते हैं? परेशानी से बचने के लिए क्या करें? आइए जानते हैं इस बारे में-

एक्सपर्ट के मुताबिक, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन की कमी के कारण हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है. बता दें कि, एस्ट्रोजन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है. मेनोपॉज के बाद यह हार्मोन तेजी से कम होने लगता है, जिससे बीमारी बढ़ने का जोखिम बढ़ता है.
एस्ट्रोजन ब्लड वेसल्स को रिलैक्स रखने, ब्लड फ्लो बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है. जैसे-जैसे एस्ट्रोजन लेवल कम होता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल बदलता है और दिल के आसपास चर्बी बढ़ती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
- पीठ, गर्दन, जबड़े या बाहों में दर्द के अलावा सीने में सामान्य बेचैनी का अनुभव होना.
- हल्की फिजिकल एक्टिविटी करते समय भी सांस लेने में कठिनाई होना.
- दिल की अनियमित धड़कन या धड़कन रुकी हुई महसूस होना.
- बेहोशी और अस्थिरता महसूस हो रही है तो इसे हल्के में न लें.
- बिना वजह थकान या कमजोरी महसूस महसूस होना.
हार्ट को हेल्दी रखने के टिप्स
हार्ट को हेल्दी रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है. हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट मीडियम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जरूर करें. ध्यान, योग और गहरी सांस लेने जैसी स्ट्रेस-फ्री रहें. हेल्दी डाइट दिल को दुरुस्त बनाती है. इसलिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन डाइट में शामिल करें. प्रोसेस्ड फैट, शुगर और सोडियम को कम से कम डाइट का हिस्सा बनाएं. इसके अलावा, 7-8 घंटे की नींद और स्मोकिंग से दूरी बनाएं.
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