Wednesday, October 1, 2025
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3 राशियों के लिए जहर लेकिन इन लोगों के लिए अमृत है चांदी की अंगूठी! कफ और पित्त जैसी कई बीमारियों का काल


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Silver Ring Benefits: भारतीय संस्कृति में धातुओं का विशेष महत्व है. सोना जहां तेज, ऊर्जा और सूर्य से जुड़ा माना जाता है, वहीं चांदी को चंद्रमा और शुक्र ग्रहों का प्रतीक माना गया है. पुरुषों के लिए चांदी धारण करना न केवल परंपरा से जुड़ा है, बल्कि इसके स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन पर भी गहरे प्रभाव माने जाते हैं. ऐसे में आज हम जानेंगे कि पुरुषों को चांदी पहनना कितना जरूरी है और कब पहनना है.

पलामू जिले के ज्योतिषी आचार्य संकेत श्रवण ने लोकल18 को बताया कि वो पिछले 35 सालों से ज्योतिषी का कार्यक रहे है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुरुष अगर चांदी पहनते हैं तो यह उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. खासकर दाहिने हाथ में चांदी की अंगूठी या कड़ा धारण करने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है.

पलामू जिले के ज्योतिषी आचार्य संकेत श्रवण ने लोकल18 को बताया कि वो पिछले 35 साल से ज्योतिषी का कार्यक रहे है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुरुष अगर चांदी पहनते हैं तो यह उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. खासकर दाहिने हाथ में चांदी की अंगूठी या कड़ा धारण करने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है.

उन्होंने कहा कि चांदी धारण करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का संतुलन बना रहता है. यह चंद्रमा और शुक्र ग्रह को मजबूत करती है. इसके फलस्वरूप व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, यश और स्वास्थ्य में सुधार होता है. जिस हिसाब से सबसे जरूरी कर्क, वृषभ, वृश्चिक, तुला, और मीन राशि के जातकों के लिए चांदी पहनना जरूरी है. इन राशियों के जल तत्व से जुड़ी होने की बात होती है और चांदी इसी तत्व से जुड़ी है.

उन्होंने कहा कि चांदी धारण करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का संतुलन बना रहता है. यह चंद्रमा और शुक्र ग्रह को मजबूत करती है. इसके फलस्वरूप व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, यश और स्वास्थ्य में सुधार होता है. जिस हिसाब से सबसे जरूरी कर्क, वृषभ, वृश्चिक, तुला, और मीन राशि के जातकों के लिए चांदी पहनना जरूरी है. इन राशियों के जल तत्व से जुड़ी होने की बात होती है और चांदी इसी तत्व से जुड़ी है.

उन्होंने यह भी बताया कि मेष, सिंह, और धनु राशि के जातकों को चांदी पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकती है. आयुर्वेद में भी चांदी को शरीर के लिए लाभकारी माना गया है. यह वात, कफ और पित्त को संतुलित करने में सहायक होती है. नियमित रूप से चांदी पहनने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां कम होती हैं और त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है.

उन्होंने यह भी बताया कि मेष, सिंह, और धनु राशि के जातकों को चांदी पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकती है. आयुर्वेद में भी चांदी को शरीर के लिए लाभकारी माना गया है. यह वात, कफ और पित्त को संतुलित करने में सहायक होती है. नियमित रूप से चांदी पहनने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां कम होती हैं और त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है.

चांदी का असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और क्रोध पर नियंत्रण में भी सहायक है. नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर यह मन में स्थिरता और धैर्य लाती है. जो आपके स्वास्थ्य और विचारों को शुद्ध रखने का काम करता है.

चांदी का असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और क्रोध पर नियंत्रण में भी सहायक है. नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर यह मन में स्थिरता और धैर्य लाती है. जो आपके स्वास्थ्य और विचारों को शुद्ध रखने का काम करता है.

पुरुषों को चांदी पहनने के लिए दाहिना हाथ सबसे उपयुक्त माना गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के अनुसार, दायां हाथ पुरुषों का क्रियाशील हाथ माना जाता है, इसीलिए दाहिने हाथ में कड़ा या अंगूठी पहनना शुभ और लाभकारी होता है. जो आपके हर तरह से लाभ पहुंचता है.

पुरुषों को चांदी पहनने के लिए दाहिना हाथ सबसे उपयुक्त माना गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के अनुसार, दायां हाथ पुरुषों का क्रियाशील हाथ माना जाता है, इसलिए दाहिने हाथ में कड़ा या अंगूठी पहनना शुभ और लाभकारी होता है. जो आपको हर तरह से लाभ पहुंचता है.

आगे कहा कि चांदी की अंगूठी के लिए दाहिने हाथ की कनिष्ठिका (छोटी उंगली) और अनामिका (रिंग फिंगर) को सबसे अच्छा स्थान माना गया है. इन उंगलियों में चांदी पहनने से ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है. हालांकि चांदी पहनने का सीधा संबंध आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा से है, लेकिन इसे धारण करते समय अपनी संस्कृति, आस्था और सुविधा का ध्यान रखना चाहिए. सही तरीके से पहनी गई चांदी पुरुषों के जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि लाती है.

आगे कहा कि चांदी की अंगूठी के लिए दाहिने हाथ की कनिष्ठिका (छोटी उंगली) और अनामिका (रिंग फिंगर) को सबसे अच्छा स्थान माना गया है. इन उंगलियों में चांदी पहनने से ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है. हालांकि, चांदी पहनने का सीधा संबंध आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा से है, लेकिन इसे धारण करते समय अपनी संस्कृति, आस्था और सुविधा का ध्यान रखना चाहिए. सही तरीके से पहनी गई चांदी पुरुषों के जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि लाती है.

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