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सांस लेने से व्यक्ति जिंदा रहता है लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि सांस लेने से ऐसी गंभीर बीमारी हो रही है कि जान तक चली जाती है. भारत में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के आधे मामले प्रदूषित हवा में सांस लेने की वजह से ही आ रहे हैं.

पीएसआरई दिल्ली में पल्मोनरी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के हेड और एम्स के पूर्व प्रमुख डॉ जीसी खिलनानी का कहना है कि सीओपीडी यानि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज दुनिया में मौतों का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन गई है. पश्चिमी देशों में सीओपीडी के 90 फीसदी से ज्यादा मामले तंबाकू धूम्रपान की वजह से सामने आते हैं. जबकि भारत में सीओपीडी के करीब आधे मामले इनडोर और आउटडोर हवा में सांस लेने के कारण हो रहे हैं.
सीओपीडी फेफड़ों की बीमारियों का एक समूह है जो सांस नली और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. इसमें ऑक्सीजन के फेफड़ों तक पहुंचने में कठिनाई होती है और सांस फूलती है. एक बार ऐसा होने के बाद इसका पूरी तरह इलाज संभव नहीं है तो यह समय के साथ बिगड़ती जाती है. देखा गया है कि धूम्रपान इसका मुख्य कारण है, लेकिन पैसिव स्मोकिंग, वायु प्रदूषण आदि की वजह से भी यह होता है.
पैसिव स्मोकिंग और जहरीली हवा खतरनाक
डॉ. कहते हैं कि सिर्फ स्मोकिंग ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि जो लोग स्मोकिंग नहीं करते लेकिन धूम्रपान करने वालों के साथ लगातार रहते हैं और उस धुएं को सांसों में भरते हैं तो वह पैसिव स्मोकिंग और भी खराब है.
हर साल सर्दियां बन जाती हैं जानलेवा
पिछले कुछ सालों से सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के शहरों में हवा की क्वालिटी के आंकड़े बताते हैं कि यहां रहने वालों को न केवल अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस जैसी बीमारियों के पैनिक अटैक आते हैं, बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति को भी दम घुटने, सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं कई स्टडीज बताती हैं कि इन 3 महीनों में ही यहां की हवा में सांस लेने वाले लोगों के फेफड़े काले पड़ जाते हैं. इस दौरान सांस संबंधी रोगों से जूझ रहे लोगों की मौत के मामले भी देखने को मिलते हैं.

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें
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