Last Updated:
Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में पूर्वजों की पूजा और तर्पण विशेष नियमों के साथ किया जाता है. इस दौरान कई तरह की चीजें वर्जित मानी जाती हैं. ऐसे में कुछ सब्जियों का सेवन भी नहीं करना चाहिए…
कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ धरती पर आते हैं, यदि ऐसे में कोई चूक हो जाए तो पितर नाराज भी हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, पितृपक्ष के दौरान पितरों की प्रसन्नता के लिए अनेक प्रकार के उपाय किए जाते हैं. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, पितृ पक्ष में कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिसका पालन करने से पितृ जल्द प्रसन्न होते हैं. पितृपक्ष में खास कर खाने-पीने जैसी चीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
पितृपक्ष के दौरान ये सब्जियां जिसमें शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी आदि सब्जियों को खाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा इन सब्जियों का भोग भी नहीं लगना चाहिए और न ही पितृपक्ष के श्राद्ध भोज में इसे किसी ब्राह्मण को खिलाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पूर्वज इससे नाराज हो सकते हैं.
चने और मसूर दाल से रहें दूर
पितृ पक्ष में चने की दाल, चने का सत्तू, चने की मिठाई, चने से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करना वर्जित बताया गया है. चने के साथ-साथ पितृपक्ष में मसूर की दाल भी नहीं खानी चाहिए. इस दौरान किसी भी चीज को कच्चा नहीं खाना चाहिए. इस समय पके भोजन का ही सेवन करना चाहिए
सात्विक भोजन का ही करें सेवन
पितृपक्ष के दौरान सात्विक भोजन करना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि भोजन से ही मन और विचार प्रभावित होते हैं. सात्विक आहार खाने से मन शांत रहता है और पूजा-पाठ में मन लगता है. वहीं तामसिक भोजन करने से मानसिक शांति भंग हो सकती है और व्यक्ति चिड़चिड़ा या आलसी महसूस करता है. यही कारण है कि श्राद्ध कर्म के दौरान हल्का और सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.