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नारियल सिर्फ पूजा-अर्चना का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह सेहत, किसानों की आय, देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके रेशों से बने बायोडिग्रेडेबल उत्पाद प्लास्टिक का सुरक्षित विकल्प हैं, जबकि इसके फल और तेल हमारी पोषण और व्यंजनों की जरूरतें पूरी करते हैं.

नारियल का पेड़, जिसे कल्पवृक्ष यानी इच्छाओं को पूरा करने वाला पेड़ कहा जाता है, हर मायने में हमारे लिए उपयोगी है. इसका महत्व केवल धार्मिक पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेहत, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए भी वरदान है. हैरानी की बात यह है कि आज के दौर में यह प्लास्टिक और पॉलिथीन जैसे हानिकारक पदार्थों का एक शानदार प्राकृतिक विकल्प भी बनकर उभर रहा है.

नारियल की खेती भारत के लाखों किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. यह ऐसा पेड़ है, जो लगभग 80 वर्षों तक लगातार फल देता रहता है, जिससे किसानों को दशकों तक स्थायी आमदनी मिलती रहती है. नारियल और इससे बने विभिन्न उत्पादों के निर्यात से भारत को हर साल हज़ारों करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है, जो देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

कच्चा नारियल अपने पौष्टिक पानी और स्वादिष्ट गिरी के लिए जाना जाता है. सूखा नारियल तेल और मावा बनाने में काम आता है, जिसका उपयोग मिठाइयों और कई अन्य व्यंजनों में किया जाता है.

नारियल के बाहरी सख़्त छिलके में मज़बूत रेशे पाए जाते हैं. इन रेशों से गद्दे, दरीयाँ, रस्सियाँ, टोकरियाँ, ब्रश और थैले आदि बनाए जाते हैं। ये रेशे टिकाऊ और प्राकृतिक होते हैं.

प्लास्टिक और पॉलिथीन से पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए, नारियल एक आश्चर्यजनक प्राकृतिक समाधान प्रस्तुत करता है.

नारियल के रेशों से बने बायोडिग्रेडेबल कप, प्लेट, डिब्बे और पैकेजिंग सामग्री तैयार की जा रही है. ये एक बार उपयोग के बाद आसानी से सड़कर प्रकृति में विलीन हो जाते हैं, जबकि पॉलिथीन सैकड़ों साल तक ज़मीन में पड़ा रहकर नुकसान पहुँचाता है.

नारियल के रेशों से बने शॉपिंग बैग पॉलिथीन के थैलों का एक बेहतरीन विकल्प हैं. ये मज़बूत, पुनः उपयोग योग्य और पूरी तरह प्राकृतिक होते हैं.

सड़क निर्माण और मृदा संरक्षण में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक मटीरियल के स्थान पर नारियल के रेशों से बने जियोटेक्सटाइल का उपयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल है.
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