Monday, September 22, 2025
25.9 C
Surat

फरीदाबाद: विष्णु पुराण में दूध, गुड़, तेल व्यापार अशुभ क्यों?


Last Updated:

Faridabad News: फरीदाबाद के महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने बताया कि विष्णु पुराण में तीन वस्तुओं गाय का दूध, गुड़ और तेल का व्यापार अशुभ माना गया है.

फरीदाबाद: मुसीबत का पहाड़ चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो इंसान अगर धैर्य और सही आचरण से काम लें तो हर संकट का हल निकल ही जाता है. कहते हैं बुरा वक्त किसी की दहलीज़ पर दस्तक देकर बिना सबक सिखाए नहीं जाता. ऐसे ही समय में हमारे बुजुर्ग और शास्त्र कुछ ऐसे नियम बताते हैं जिनका पालन करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. विष्णु पुराण में भी कुछ ऐसी वस्तुओं का जिक्र मिलता है जिन्हें कभी भी मुनाफे के लिए नहीं बेचना चाहिए वरना घर की बरकत धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.

दूध का व्यापार

Bharat.one से बातचीत में फरीदाबाद के महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने बताया कि ऐसी तीन वस्तुएं हैं जिनका व्यापार अशुभ माना गया है. सबसे पहली चीज है गाय का दूध. शास्त्रों में कहा गया है कि गौ माता का दूध अमृत के समान है यह उनके बछड़े के लिए होता है, बेचने के लिए नहीं. इंसान इसे औषधि और पोषण के रूप में ग्रहण कर सकता है, लेकिन इसे धन कमाने का जरिया नहीं बनाना चाहिए. महंत का कहना है कि दूध अगर घर में जरूरत से ज्यादा हो, तो उसे चारे वाले या खल वाले को दिया जा सकता है, परंतु उसका दाम नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने से घर की समृद्धि और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.

गुड़ पर मुनाफा नहीं लेना चाहिए

दूसरी वस्तु है गुड़ इच्छु रस यानी गन्ने के रस से गुड़ बनता है और उसकी प्रक्रिया बेहद कठिन होती है. गुड़ बनाने के दौरान जो पानी (सिरा) निकलता है वह भूमि को बंजर बना देता है. इसके अलावा गुड़ में चींटियां और कीड़े-मकोड़े चिपककर मर जाते हैं जिससे जीव हत्या का दोष भी लगता है. शास्त्रों में कहा गया है कि गुड़ पर मुनाफा नहीं लेना चाहिए. व्यापारी चाहे तो गुड़ का व्यापार करे लेकिन उस पर लालच में आकर ज्यादा लाभ कमाने की कोशिश न करे. ऐसा करने से घर-परिवार में मनमुटाव, झगड़े और तनाव पैदा होते हैं. धरती मां का नुकसान और जीव हत्या का पाप अलग से लगता है.

तेल का सौदा

तीसरी चीज है तेल चाहे वह तिल का हो नारियल का हो या सरसों का. खासकर सरसों के तेल का शनि देव से गहरा संबंध माना गया है. महंत स्वामी कामेश्वरानंद ने बताया कि जब शनि महाराज हनुमान जी पर सवार हुए थे, तो हनुमान जी ने उनके कष्ट दूर करने के लिए तेल अर्पित किया था. तभी से शनिवार के दिन सरसों या तिल का तेल शनि देव को चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है. पहले के समय में तेल निकालना बेहद कठिन प्रक्रिया थी. बैलों की आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें कोल्हू में दिनभर घुमाया जाता था. इस मेहनत और परिश्रम से निकला तेल ही धर्म का प्रतीक माना गया है. इसलिए तेल के व्यापार में भी अधिक मुनाफा लेना शास्त्रों में मना है. ऐसा करने से शनि दोष और पितृ दोष बढ़ सकते हैं.

दान-पूजा में करें इनका इस्तेमाल

महंत का कहना है कि अगर ये वस्तुएं घर में हों तो इन्हें दान या पूजा में इस्तेमाल करना सबसे उत्तम है. इन्हें बेचने से जीवन में दरिद्रता और बाधाएं बढ़ सकती हैं. कहावत भी है…धन तो आएगा मेहनत से पर बरकत आती है केवल पुण्य से. इसलिए मुनाफे के पीछे भागने की बजाय धर्म और शास्त्र के बताए रास्ते पर चलना ही जीवन को सफल और सुखमय बना सकता है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

भूलकर भी न करें इन चीजों को व्यापार, वरना रुक जाएगी घर की बरकत

Hot this week

Topics

Sharadiya Navratra special importance of Maharatri Nisha Puja

Last Updated:September 22, 2025, 21:39 ISTMaharatri Nisha Puja...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img