कौन हैं भगवान विश्वकर्मा?
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम शिल्पकार, अभियंता और वास्तुकार कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, विश्वकर्मा जी ने सृष्टि का पहला मानचित्र बनाया था. उन्होंने स्वर्गलोक, यमपुरी, कुबेर की अलका पुरी, द्वारका नगरी, सोने की लंका नगरी का निर्माण किया था. भगवान विश्वकर्मा ने भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शिव का त्रिशूल, इंद्र का वज्र समेत अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र बनाए थे. उन्होंने कई देवालय, महल, दिव्य रथ आदि भी बनाए थे.
विश्वकर्मा पूजा सामग्री
विश्वकर्मा पूजा मंत्र
2. ॐ आधार शक्तपे नम:
3. ॐ श्री विश्वकर्माय नमः
4. ॐ कूमयि नम:
5. ॐ अनन्तम नम:
6. ॐ पृथिव्यै नम:
विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त
आज विश्वकर्मा पूजा के दिन परिघ योग प्रात:काल से रात 10:55 पी एम तक है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:20 ए एम तक है. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत हो जाएं. विश्वकर्मा पूजा पर लाभ-उन्नति मुहूर्त 06:07 ए एम से 07:39 ए एम तक, अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 07:39 ए एम से 09:11 ए एम, शुभ-उत्तम मुहूर्त 10:43 ए एम से 12:15 पी एम तक है.
भगवान विश्वकर्मा के प्रिय भोग
आज के दिन विश्वकर्मा जी को पंचामृत, मिठाई, मौसमी फल, नारियल, पान का पत्ता, सुपारी, इलायची, पंचमेवा, पुड़ी-सब्जी, खीर, हलवा, लड्डू आदि का भोग लगाएं.
विश्वकर्मा पूजा विधि
2. शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा दें. उस पर विश्वकर्मा जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें.
4. फिर अपने दुकान में तिजोरी, औजारों, मशीनों, कलम, दवात, खाताबही, वाहन आदि की पूजा करें. तिलक लगाएं. पूजा के अंत में हवन करें.
6. पूजा का समापन आरती से करें और फिर प्रसाद वितरण करें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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