इस साल का H3N2 फ्लू क्या है?
H3N2 एक तरह का फ्लू वायरस है, जो 1957 के H2N2 वायरस और पक्षियों के इन्फ्लूएंजा से बना है. यह बहुत तेजी से बदलता (म्यूटेट) रहता है, जिससे फेफड़ों और सांस की नलियों में सूजन और नुकसान होता है. इसी वजह से लक्षण लंबे समय तक रहते हैं. हर साल फ्लू का टीका अपडेट किया जाता है ताकि वायरस के नए रूपों से बचाव हो. टीका से पूरी तरह बचाव न हो, लेकिन अस्पताल जाना और जटिलताएं कम हो जाती हैं. हर साल टीका लगवाना चाहिए.
सामान्य लक्षण: सिरदर्द, गले में दर्द, खांसी, थकान, कमजोरी, बुखार, नाक बंद, भूख न लगना, उल्टी और दस्त.
लेकिन H3N2 में खास बात: यह स्वस्थ लोगों में भी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, जैसे –
- निमोनिया (फेफड़ों में संक्रमण)
- ARDS (सांस की भयानक समस्या)
- सेप्सिस (पूरे शरीर में संक्रमण की प्रतिक्रिया)
- दिमाग या दिल की मांसपेशियों में सूजन.
ये लक्षण जिद्दी होते हैं और लंबे समय तक रह सकते हैं.
यह उत्तरी या दक्षिणी गोलार्ध पर निर्भर करता है, क्योंकि वहां अलग-अलग स्ट्रेन (वायरस के प्रकार) फैलते हैं.
– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हर फरवरी में उत्तरी गोलार्ध के लिए 4 स्ट्रेन चुनता है (2025-2026 के लिए). यह टीका मई में आता है.
– अप्रैल में दक्षिणी गोलार्ध के लिए 4 स्ट्रेन चुनता है.
भारत में फ्लू का मौसम बारिश के बाद (जुलाई से नवंबर तक) दक्षिणी गोलार्ध के सर्दी जैसा है, इसलिए WHO दक्षिणी गोलार्ध वाला टीका सलाह देता है. अगर वो न मिले, तो नवीनतम क्वाड्रिवैलेंट (4 स्ट्रेन वाला) टीका लगवाएं.
टेट्रावैलेंट या क्वाड्रिवैलेंट टीका, जो 4 स्ट्रेन से बचाता है – H1N1, H3N2 और दो इन्फ्लूएंजा B स्ट्रेन. इसकी कीमत सालाना 2,000 से 2,500 रुपये तक होती है.
किसे टीका नहीं लगवाना चाहिए?
अंडे से एलर्जी वाले सावधानी बरतें. ज्यादातर फ्लू टीके अंडों में वायरस उगाकर बनते हैं (क्योंकि फ्लू वायरस पक्षियों में आसानी से बढ़ता है).
- अगर एलर्जी है, तो अस्पताल में लगवाएं जहां फायदे ज्यादा हों और रिस्क कम. गंभीर रिएक्शन बहुत कम होते हैं, लेकिन क्लिनिक में मदद मिल सकती है.
- आजकल अंडा-फ्री टीके भी हैं, जो सेल-बेस्ड तरीके से बनते हैं (प्रोटीन का इस्तेमाल कर वायरस उगाते हैं).
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-h3n2-influenza-a-cases-rise-in-delhi-ncr-qdps-ws-l-9633574.html