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Tourist Place Chitrakoot: चित्रकूट एक धार्मिक शहर के तौर पर मशहूर है. इस जिले में कई दिलचस्प जगहें भी हैं. इसमें तुलसी दास जी का प्रसव कक्ष, तुलसी वाटर फॉल,परानू बाबा आश्रम,धारकुंडी आश्रम, और बेधक शामिल है.

चित्रकूट से लगभग 50 किलोमीटर दूर राजापुर में तुलसी दास जी का प्रसव कक्ष बना हुआ है. बता दे कि चित्रकूट के राजापुर में ही तुलसीदास जी का जन्म हुआ था और वह स्थान आज भी मौजूद है. चित्रकूट आने के बाद आप इस स्थान ने पहुंचकर इस स्थान के दर्शन कर सकते है, यहां आने के लिए आप मानिकपुर रेलवे स्टेशन या चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन उतर सकते है, और बस से इस स्थान ने पहुंच सकते है.

चित्रकूट का तुलसी वाटर फॉल अपने में एक अद्भुत जगह है. यहां आने के लिए आप चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन में उतर सकते हैं, मानिकपुर रेलवे स्टेशन से यह जगह लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां जाने के लिए आपको खुद का साधन बुक करना पड़ता है जो आसानी से 800 से 1000 में बुक हो जाता है, इस स्थान में पहुंचने के बाद आपको जंगल की हरी भरी वादिया और पत्थर की चट्टानों से गिरने वाला पानी का आनंद मिलेगा.

इस तस्वीर में दिख रहे स्थान को लोग परानू बाबा आश्रम के नाम से जानते है. यह स्थान चित्रकूट से लगभग 65 किलोमीटर दूर है. यहां पहुंचने के लिए आपको चित्रकूट से बस के द्वारा बरगढ़ पहुंचना होगा. जिसके बाद यहां चलने वाले ई-रिक्शा या टैक्सी के माध्यम से आप कलचिहा के जंगल में स्थित परानू बाबा आश्रम पहुंच जाएंगे. यहां आप को झील के आनंद के साथ साथ परानू बाबा के चरणों के दर्शन हो जायेxगे. कार्तिक और आषाढ़ मास पर यहां मेला भी लगता है.

चित्रकूट का यह स्थान धारकुंडी आश्रम के नाम से जाना जाता है. इस स्थान में जाने के लिए आपको चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन में उतरना होगा. जहां से आपको 800 से 1000 हजार रुपए में अपना खुद का वाहन करना होगा. यह स्थान मानिकपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 23किलोमीटर दूर मौजूद है. यहां आपको जंगल के प्राकृतिक दृश्य के साथ साथ पथरीली चट्टानों से निकलने वाले पानी का दृश्य और आश्रम में मौजूद देवी देवताओं के दर्शन और साधु संतों के दर्शन होंगे.

इस फोटो में दिखने वाले स्थान को बेधक के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह स्थान मानिकपुर से लगभग 18 और चित्रकूट से 40 किलोमीटर दूर है. यहां आपको ऊंची पहाड़ियों से लकड़ी की बनी सीढ़ियों से नीचे उतरना होगा. जहां आपको बजरंगबली के दर्शन होंगे और इसके साथ ही वहां मौजूद झरने का आनंद भी उठा सकेंगे. बता दे कि इस स्थान में बरसात के समय जाने का कोई भी रास्ता नहीं है, और बरसात के बाद भी आपको इस स्थान पर जाने के लिए मोटरसाइकिल या आसपास के गांव से ट्रैक्टर से जाना पड़ता है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/travel-these-are-the-top-5-places-in-chitrakoot-learn-about-their-locations-and-specialties-local18-9632758.html