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कच्चा अंडा सिर्फ 51% प्रोटीन देता और सैल्मोनेला का खतरा बढ़ाता है, जबकि उबला अंडा 91% प्रोटीन, ज्यादा पोषण और सुरक्षा देता है. हेल्थ के लिए उबला अंडा बेहतर है.

कच्चा अंडा vs उबला अंडा, अंडे का नाम आते ही दिल और दिमाग में एक इमेज बन जाती है, कि एक ऐसी चीज जिसमें प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है. हेल्थ बनाने वाले लोग अंडे को नियमित रूप से खाते ही हैं. सेहत को बनाने के लिए सेहत के लिहाज से कौन बेहतर है? यह सवाल अक्सर फिटनेस और हेल्थ के शौकीनों के बीच चर्चा में रहता है. आइए जानें विज्ञान और एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं.
प्रोटीन अवशोषण में फर्क
- कच्चा अंडा: शरीर इसमें मौजूद प्रोटीन का केवल 51% ही सोख पाता है.
- उबला अंडा: शरीर लगभग 91% प्रोटीन को अवशोषित कर लेता है. यानी उबला अंडा लगभग दोगुना फायदा देता है.
कच्चे अंडे के खतरे
- बायोटिन की कमी:
- कच्चे अंडे में एविडिन नामक प्रोटीन होता है जो बायोटिन (Vitamin B7) के अवशोषण को रोकता है.
- बायोटिन बाल, त्वचा और नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है.
- फूड पॉइजनिंग का खतरा:
- कच्चे या अधपके अंडे में सैल्मोनेला बैक्टीरिया हो सकता है.
- इससे पेट दर्द, डायरिया, बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
उबले अंडे के फायदे
- सेफ और हेल्दी: बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं.
- कम कैलोरी, ज्यादा पोषण: बिना तेल-मसाले के पकता है, वेट मैनेजमेंट में मददगार.
- पोर्टेबल स्नैक: ऑफिस, स्कूल या ट्रैवल में आसानी से ले जा सकते हैं.
निष्कर्ष:
अगर आप अंडे से पूरा पोषण और सुरक्षा चाहते हैं, तो उबला अंडा सबसे बेहतर विकल्प है.
कच्चा अंडा न सिर्फ कम असरदार है, बल्कि सेहत के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है.
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