Wednesday, September 24, 2025
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इन काले बीज को औषधियों का खजाना समझिए, मिनटों में खोज लेते शरीर में छिपी 5 बीमारियां, जानें कैसे करते काम


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kalonji ke fayde: आयुर्वेद में तमाम ऐसी चीजों का जिक्र है, जो सेहत के लिए संजीवनी साबित होती हैं. बड़ी बात यह हैं कि ये चीजें हर भारतीय रसोईघर में उपलब्ध होती हैं. ऐसे ही चीजों में कलौंजी भी है. यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है. ये काले रंग के बीज देखने में जितने छोटे, उतने ही फायदेमंद होते हैं.

कलौंजी को अंग्रेजी में ब्लैक सीड्स (Black seeds) और निजेल्ला सीड्स (Nigella seeds) के नाम से भी जाना जाता है. जबकि इसका वैज्ञानिक नाम निजेल्ला सैटिवा (Nigella sativa) है. आयुर्वेद में वर्षों से इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटियां बनाने में किया जा रहा है. इनके सेवन से शरीर में छिपी बीमारियों का भी इलाज हो जाता है. आइए जानते हैं इसके सेहत लाभ-

कलौंजी को अंग्रेजी में ब्लैक सीड्स (Black seeds) और निजेल्ला सीड्स (Nigella seeds) के नाम से भी जाना जाता है. जबकि इसका वैज्ञानिक नाम निजेल्ला सैटिवा (Nigella sativa) है. आयुर्वेद में वर्षों से इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटियां बनाने में किया जा रहा है. इनके सेवन से शरीर में छिपी बीमारियों का भी इलाज हो जाता है. आइए जानते हैं इसके सेहत लाभ-

अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद: कलौंजी में कई ऐसे सक्रिय घटक मौजूद होते हैं, जो ब्रांकिओल्स को खोल देते हैं. दरअसल, ब्रांकिओल्स फेफड़ों में फैली छोटी-छोटी नलिकाएं होती हैं, जिनके अंदर से हवा फेफड़ों के विभिन्न हिस्सों में पहुंच पाती है. ब्रांकिओल्स खुलने पर सामान्य रूप से सांस आने लगती है और अस्थमा जैसी बीमारी के लक्षण कम हो जाते हैं. हालांकि इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है.  (Image- AI)

अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद: कलौंजी में कई ऐसे सक्रिय घटक मौजूद होते हैं, जो ब्रांकिओल्स को खोल देते हैं. दरअसल, ब्रांकिओल्स फेफड़ों में फैली छोटी-छोटी नलिकाएं होती हैं, जिनके अंदर से हवा फेफड़ों के विभिन्न हिस्सों में पहुंच पाती है. ब्रांकिओल्स खुलने पर सामान्य रूप से सांस आने लगती है और अस्थमा जैसी बीमारी के लक्षण कम हो जाते हैं. हालांकि इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है.  (Image- AI)

एलर्जी से बचाए: कलौंजी के छोटे बीज शरीर की एलर्जी दूर करने में बेहद असरदार हैं. इसका असर कुछ ही दिन में दिखने लगता है. ऐसे में यदि आप इस परेशानी का सामना कर रहे हैं तो कलौंजी का सेवन जरूर करें. हालांकि इनका इस्तेमाल करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.  (Image- AI)

एलर्जी से बचाए: कलौंजी के छोटे बीज शरीर की एलर्जी दूर करने में बेहद असरदार हैं. इसका असर कुछ ही दिन में दिखने लगता है. ऐसे में यदि आप इस परेशानी का सामना कर रहे हैं तो कलौंजी का सेवन जरूर करें. हालांकि इनका इस्तेमाल करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. (Image- AI)

बीपी कंट्रोल करे: कलौंजी के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है. दरअसल, कलौंजी शरीर में एक डाइयुरेटिक के रूप में काम करती है और तंत्रिका तंत्र की अतिसक्रियता को कम करती है. यही कारण है कि उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. (Image- AI)

बीपी कंट्रोल करे: कलौंजी के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है. दरअसल, कलौंजी शरीर में एक डाइयुरेटिक के रूप में काम करती है और तंत्रिका तंत्र की अतिसक्रियता को कम करती है. यही कारण है कि उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. (Image- AI)

शुगर लेवल कंट्रोल करे: शुगर लेवल को कम करने के लिए भी कलौंजी का सेवन किया जा सकता है. ऐसे में डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति को नियमित रूप से कलौंजी के सेवन की सलाह दी जाती है. इसका सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इन्सुलिन की प्रक्रिया में भी सुधार होने लगता है.  (Image- AI)

शुगर लेवल कंट्रोल करे: शुगर लेवल को कम करने के लिए भी कलौंजी का सेवन किया जा सकता है. ऐसे में डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति को नियमित रूप से कलौंजी के सेवन की सलाह दी जाती है. इसका सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इन्सुलिन की प्रक्रिया में भी सुधार होने लगता है. (Image- AI)

संक्रमण से बचाए: कई औषधीय तत्वों से भरपूर कलौंजी खाने से संक्रमण से भी बचाव होता है. बता दें कि, कलौंजी में कुछ विशेष प्रकार की एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो निश्चित प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, कान में संक्रमण और निमोनिया जैसी स्थितियों में कलौंजी का सेवन अधिक लाभदायक हो सकता है.  (Image- AI)

संक्रमण से बचाए: कई औषधीय तत्वों से भरपूर कलौंजी खाने से संक्रमण से भी बचाव होता है. बता दें कि, कलौंजी में कुछ विशेष प्रकार की एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो निश्चित प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, कान में संक्रमण और निमोनिया जैसी स्थितियों में कलौंजी का सेवन अधिक लाभदायक हो सकता है.  (Image- AI)

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इन काले बीज को औषधियों का खजाना समझिए, मिनटों में खोज लेते शरीर की 5 बीमारियां


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