Monday, September 22, 2025
25.9 C
Surat

Kashi Pishach Mochan Kund on sarva pitru amavasya importance of pitru tarpan pind daan and shradh on Pishach Mochan Kund | काशी का रहस्यमयी कुंड, जहां श्राद्ध व तर्पण से पितरों के लिए खुल जाता है शिवलोक का रास्ता


Last Updated:

Kashi Pishach Mochan Kund: भगवान शिव की नगरी काशी में एक चमत्कारी कुंड है. मान्यता है कि यहां किए गए श्राद्ध से पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही यहां स्नान करने से भूत-प्रेत समेत नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं काशी के इस रहस्यमयी कुंड के बारे में…

काशी का रहस्यमयी कुंड, जहां श्राद्ध से पितरों के लिए खुलता है शिवलोक का रास्ता
Kashi Pishach Mochan Kund: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी सनातन संस्कृति की आत्मा मानी जाती है. यहां के घाटों पर बहती गंगा केवल जल नहीं, बल्कि आस्था की धारा है. इन्हीं घाटों और तीर्थस्थलों में एक स्थान है, पिशाचमोचन कुंड, जिसे पितृ कार्यों के लिए अत्यंत पावन और शक्तिशाली माना जाता है. वाराणसी स्थित पिशाचमोचन कुंड का वर्णन स्कंद पुराण और काशी खंड में भी मिलता है. यह स्थान काशी के लंका क्षेत्र में स्थित है और इसे पिशाचों को मोक्ष प्रदान करने वाला तीर्थ भी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां आने मात्र से पापों का नाश हो जाता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

पिशाचमोचन कुंड पर श्राद्ध का महत्व
पिशाचमोचन कुंड पर श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व है. यह स्थान केवल एक कुंड नहीं, बल्कि एक दिव्य ऊर्जा केंद्र है, जहां त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है. त्रिपिंडी श्राद्ध में तीन पिंड बनाए जाते हैं, पहला पितृकुंड (पिता के लिए), दूसरा मातृकुंड (माता के लिए), और तीसरा विमल तीर्थ (अन्य दिवंगत परिजनों के लिए). मान्यता है कि यहां स्नान करने से पिशाच बाधा, भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है.

गया से पहले यहां करना पड़ता है पिंडदान
यहां मुख्यत: उन लोगों का श्राद्ध व तर्पण किया जाता है,, जिनकी मृत्यु के बाद विधि-पूर्वक कर्म नहीं हुए या जिनकी आत्माएं अभी तक मुक्त नहीं हो पाईं. मान्यता है कि गयाजी में श्राद्ध करने से पहले काशी में त्रिपिंडी श्राद्ध करना जरूरी है, क्योंकि काशी में किया गया पिंडदान और तर्पण पितरों को त्वरित मोक्ष की ओर अग्रसर करता है. माना जाता है कि गयाजी में श्राद्ध से आत्मा को पितृलोक मिलता है, लेकिन काशी में किए गए श्राद्ध से आत्मा सीधे शिवलोक या मोक्ष को प्राप्त होती है.

भगवान विष्णु का मिला है आशीर्वाद
कुंड के पास एक पीपल का पेड़ है. कहा जाता है कि इस पेड़ पर सिक्के रखने से पितरों का सभी उधार चुकता हो जाता है और उन्हें सभी बाधाओं से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त होता है. इसके साथ ही सात्विक, राजस और तामस प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए काले, लाल और सफेद झंडे लगाए जाते हैं. कहते हैं कि स्वयं भगवान विष्णु ने इस कुंड को पिशाच मोचन का वरदान दिया, ताकि जो भी यहां श्रद्धा से स्नान और पूजा करे, उसके जीवन से अशुभ बाधाएं दूर हो जाएं.

authorimg

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

काशी का रहस्यमयी कुंड, जहां श्राद्ध से पितरों के लिए खुलता है शिवलोक का रास्ता


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/kashi-pishach-mochan-kund-on-sarva-pitru-amavasya-importance-of-pitru-tarpan-pind-daan-and-shradh-on-pishach-mochan-kund-ws-kl-9642944.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img