Monday, September 22, 2025
29 C
Surat

शाम की पूजा का सही समय क्या है? अगर आप भी करते हैं गलती तो तुरंत सुधारें, वरना… कंगाली आते नहीं लगेगी देर


Last Updated:

Sham Ki Puja Ka Samay: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के साथ ही दिन की शुरुआत होती है. यही नहीं, शाम की पूजा के साथ विश्राम करने जाते हैं. इसलिए लोग प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों समय धूप, दीप, आरती कर भगवान की पूजा करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि देवी-देवता भी प्रसन्न होकर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

सुबह पूजा के समय की जानकारी तो ज्यादातर लोगों को होती है पर शाम के समय को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं. लोग शाम को बिना कुछ सोचे समझे किसी भी समय पूजा शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है. अब सवाल है कि आखिर शाम की पूजा का सही समय है क्या? गलत समय पूजा करने से क्या होगा? शाम की पूजा के नियम क्या हैं? आइए जानते हैं इस बारे में-  (Image- AI)

सुबह पूजा के समय की जानकारी तो ज्यादातर लोगों को होती है पर शाम के समय को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं. लोग शाम को बिना कुछ सोचे समझे किसी भी समय पूजा शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है. अब सवाल है कि आखिर शाम की पूजा का सही समय है क्या? गलत समय पूजा करने से क्या होगा? शाम की पूजा के नियम क्या हैं? आइए जानते हैं इस बारे में-  (Image- AI)

शाम की पूजा का सही समय: उन्नाव के ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, पूजा सुबह की हो या शाम की, समय का जरूर ध्यान रखना चाहिए. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का पूजन दिन में 5 बार करना अधिक फलदायी माना गया है. ऐसे में सुबह की पूजा 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में हो जानी चाहिए. वहीं, शाम को सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक का समय उत्तम माना गया है. संध्याकाल की पूजा रात्रि में करने से देवगण नाराज होते हैं, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो सकता है.  (Image- AI)

शाम की पूजा का सही समय: उन्नाव के ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, पूजा सुबह की हो या शाम की, समय का जरूर ध्यान रखना चाहिए. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का पूजन दिन में 5 बार करना अधिक फलदायी माना गया है. ऐसे में सुबह की पूजा 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में हो जानी चाहिए. वहीं, शाम को सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक का समय उत्तम माना गया है. संध्याकाल की पूजा रात्रि में करने से देवगण नाराज होते हैं, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो सकता है.  (Image- AI)

शाम को शंख-घंटी न बजाएं: पूजा के दौरान शंख और घंटी बजाने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है. लेकिन ऐसा सिर्फ सुबह की पूजा में ही करना चाहिए. क्योंकि शाम की पूजा में शंख और घंटी को भूलकर भी नहीं बजाना चाहिए. माना जाता है कि सूर्य अस्त होने के बाद देवी-देवता शयन को चले जाते हैं. इससे उनके विश्राम में खलल पैदा हो सकता है.  (Image- AI)

शाम को शंख-घंटी न बजाएं: पूजा के दौरान शंख और घंटी बजाने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है. लेकिन ऐसा सिर्फ सुबह की पूजा में ही करना चाहिए. क्योंकि शाम की पूजा में शंख और घंटी को भूलकर भी नहीं बजाना चाहिए. माना जाता है कि सूर्य अस्त होने के बाद देवी-देवता शयन को चले जाते हैं. इससे उनके विश्राम में खलल पैदा हो सकता है.  (Image- AI)

शाम को फूल न चढ़ाएं: शास्त्रों के अनुसार, भगवान को फूल बेहद प्रिय होते हैं. ऐसे में लोग ताजे फूल तोड़कर भगवान को अर्पित करते हैं. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लेकिन शाम को पूजा के समय भगवान पर फूल चढ़ाने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है.  (Image- AI)

शाम को फूल न चढ़ाएं: शास्त्रों के अनुसार, भगवान को फूल बेहद प्रिय होते हैं. ऐसे में लोग ताजे फूल तोड़कर भगवान को अर्पित करते हैं. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लेकिन शाम को पूजा के समय भगवान पर फूल चढ़ाने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है.  (Image- AI)

शाम को तुलसी पत्ते न चढ़ाएं: हिंदू धर्म में पूजा पाठ या अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ना चाहिए और न ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए. अगर आप संध्या के समय पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं तो आपको जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.  (Image- AI)

शाम को तुलसी पत्ते न चढ़ाएं: हिंदू धर्म में पूजा पाठ या अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ना चाहिए और न ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए. अगर आप संध्या के समय पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं तो आपको जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.  (Image- AI)

शाम को सूर्यदेव की पूजा से बचें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, हिंदू धर्म में की जाने वाली लगभग सभी पूजा में सूर्य देव का आह्वान जरूर किया जाता है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा हमेशा दिन में की जाती है. सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव की पूजा करना अशुभ माना जाता है. वहीं, शाम को पूजा स्थल का पर्दा कर देना चाहिए, ताकि भगवान के विश्राम में बाधा उत्पन्न न हो.  (Image- AI)

शाम को सूर्यदेव की पूजा से बचें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, हिंदू धर्म में की जाने वाली लगभग सभी पूजा में सूर्य देव का आह्वान जरूर किया जाता है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा हमेशा दिन में की जाती है. सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव की पूजा करना अशुभ माना जाता है. वहीं, शाम को पूजा स्थल का पर्दा कर देना चाहिए, ताकि भगवान के विश्राम में बाधा उत्पन्न न हो.  (Image- AI)

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

शाम की पूजा का सही समय क्या है? अगर आप भी करते गलती तो तुरंत सुधारें, वरना…


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/photogallery/dharm/sham-ki-puja-ka-samay-know-correct-time-and-rules-for-evening-puja-revealed-wrong-timing-may-cause-trouble-ws-kl-9647120.html

Hot this week

नवरात्रि व्रत के लिए स्वादिष्ट कच्चे केले के कटलेट रेसिपी

Last Updated:September 22, 2025, 13:14 ISTनवरात्रि व्रत में...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img