आज भारत में 88 लाख लोग डिमेंशिया या अल्जाइमर्स से पीड़ित हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 फीसदी लोगों को ही पता चल पाता है कि उन्हें डिमेंशिया है. यहां तक कि 60 की उम्र के आसपास बुजुर्गों में होने वाली इस बीमारी को लेकर इनके परिजनों को भी नहीं पता चल पाता कि उन्हें डिमेंशिया या अल्जाइमर्स जैसी गंभीर बीमारी ने घेर लिया है. ऐसे में मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता और एक लंबी जिंदगी ये बुजुर्ग पागल, सठियाए हुए या अन्य ऐसे ही लांछनों के साथ काटने को मजबूर हो जाते हैं. एम्स के न्यूरोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की एचओडी डॉ. मंजरी त्रिपाठी कहती हैं कि भारत में डिमेंशिया या अल्जाइमर्स लगातार बढ़ रहा है. 55 साल की उम्र के बाद अगर लोगों में स्वभाव के विपरीज लक्षण दिखाई देते हैं तो समझ जाइए कि वे इस बीमारी की तरफ बढ़ रहे हैं. सामान्य व्यवहार के एकदम उलट हरकतें डिमेंशिया का शुरुआती लक्षण है जो आगे चलकर बीमारी को और गंभीर बना देता है, जिसको वापस रिवर्स कर पाना काफी मुश्किल होता है. आइए वीडियों में डॉ. मंजरी से विस्तार से जानते हैं डिमेंशिया या अल्जाइमर्स के लक्षणों के बारे में…..
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https://hindi.news18.com/videos/health/alzheimers-day-21-september-what-are-the-early-signs-of-dementia-in-elderly-aiims-neurologist-dr-manjari-tripathi-live-watch-video-9649883.html