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Kanpur Devi Temple: नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है. ऐसे में देशभर में माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए जाती है. कानपुर में भी कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर और शक्तिपीठ है. जहां पर दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इन मंदिरों की अनोखी कहानी है. यह मंदिर रामायण काल से भी पुराने बताए जाते हैं. जानिए कौन-कौन से यह प्रसिद्ध मंदिर हैं.

कानपुर का तपेश्वरी मंदिर बेहद पुराना और प्राचीन मंदिर है इसका इतिहास रामायण काल का बताया जाता है. आपको बता दें भगवान राम और माता सीता के पुत्र लव कुश का मुंडन भी यहीं पर हुआ था. यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. यहां पर मान्यता है कि यहां पर दर्शन करने से मन वांछित फल मिलता है. कानपुर के बिरहाना रोड में यह मंदिर स्थित है और नवरात्र में बड़ी संख्या में भक्ति दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं. देर रात से भक्तों की लाइन मंदिर में लग जाती है.

कानपुर का बारा देवी मंदिर भी सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में नवरात्र में बड़ा विशाल मेला लगता है और दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं, इस मंदिर को लेकर यह कहानी है कि यहां पर 12 बहने जाकर पत्थर बन गई थी. इसके बाद यहां पर बड़ी संख्या में भक्ति पूजन करने के लिए आने लगे इस मंदिर की मान्यता बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन है. दूर ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. कानपुर के दक्षिणी इलाके में यह मंदिर मौजूद है और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है.

कानपुर के घाटमपुर में स्थित मां कुष्मांडा देवी मंदिर शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में दूर-दूर से जनपदों से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. आपको बता दें नवरात्र में चौथा दिन मां कुष्मांडा का होता है और मां कुष्मांडा का देश का सबसे बड़े मंदिरों में से यह मंदिर है और इसको शक्तिपीठ का दर्जा भी प्राप्त है. इसलिए दूर-दूर से भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. कहा जाता है इस मंदिर पर चढ़ने वाले जल को आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी भी ठीक हो जाती है. आंखों के रोग भी दूर हो जाते हैं.

कानपुर के किदवई नगर में स्थित जंगली देवी मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. कहा जाता है एक वक्त पर यहां पर बिल्कुल जंगल था और यहां पर एक माता की मूर्ति मिली थी. जिसके बाद यहां पर चित्र लोगों ने पहले एक छोटा सा मंदिर बनाया. लेकिन उसे मंदिर में ऐसे चमत्कार होते गए कि वह देखते-देखते एक बड़ा मंदिर बन गया और आज भी बड़ी संख्या में भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. नवरात्र में विशेष रूप से भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है और यहां पर नवरात्रि में मां का खजाना भी बांटा जाता है.

कानपुर के किदवई नगर में स्थित दुर्गा मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर बेहद विशाल बना हुआ है और संगमरमर से बनाया मंदिर बेहद सुंदर है, नवरात्र में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है और माता का विशाल श्रृंगार किया जाता है. भक्तों की भीड़ दूर-दूर से यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आती है, दक्षिण के सबसे प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में या मंदिर भी आता है.

कानपुर का मूलगंज स्थित बुद्धा देवी मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. यहां पर बुधवार को बड़ी संख्या में भक्ति आमतौर पर दर्शन करने के लिए आते है और नवरात्र में यहां पर भारी भीड़ इकट्ठा होती है इस मंदिर की एक विशेष चीज है. जिस वजह से इसकी एक अनोखी मानता है. यहां पर भक्ति माता के मंदिर में प्रसाद के रूप में कटी हुई सब्जियां चढ़ाते हैं जो इसे एक अनोखा बनती है वही कहा जाता है कि जो लोग आंखों की समस्या से पीड़ित हो. उनकी हर समस्या और रोग का निवारण इस मंदिर में दर्शन करने से होता है.

कानपुर के कल्याणपुर में स्थित आशा देवी मंदिर बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर को लेकर यह मानता है की माता सीता भी अपनी आशा माता का व्रत करने के लिए यहां पर आती थी और यहां पर पूजन करती थी. यह मंदिर तब से बेहद प्रसिद्ध है और अभी तक इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर को लेकर यह कहा जाता है कि कोई भी वक्त अपनी मनोकामना लेकर इस मंदिर पर आता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. जो लोग आशा माता का व्रत रखते हैं. या कोई मन्नत मांगते हैं तो वह भी बड़ी संख्या में यहां पर आते हैं. नवरात्र में यहां पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए आती है.