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Chanting Shiva Mantra: भगवान का नाम जपना सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि आत्मा को शांति देने का सबसे आसान तरीका है. शंकर भगवान का नाम अगर सही तरीके और सच्चे मन से लिया जाए, तो जीवन की कई परेशानियां हल हो सकती हैं. बस ध्यान रखें कि ‘ओम नमः शिवाय’ जैसे शक्तिशाली मंत्र का जप गुरु की अनुमति से ही करें और अगर अभी गुरु दीक्षा नहीं मिली है, तो ‘शंभ सदा शिव’ जैसे सरल और सुरक्षित नाम का जप करें.

शंकर भगवान के नाम की महिमा
शंकर भगवान को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वे बहुत जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं. माना जाता है कि अगर कोई भक्त पूरे श्रद्धा भाव से उनका नाम ले, तो भगवान तुरंत उसकी प्रार्थना सुनते हैं. शिव नाम में इतनी शक्ति है कि यह मन के दुख, डर और नकारात्मकता को मिटाकर भीतर एक नई ऊर्जा जगाता है, लेकिन ये तभी संभव है जब नाम जप सही भाव और तरीके से किया जाए.
ओम नमः शिवाय मंत्र का महत्व
‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र शंकर भगवान का पंचाक्षरी मंत्र है और इसे बेहद शक्तिशाली माना जाता है. यह मंत्र सिर्फ शब्दों का मेल नहीं बल्कि एक गहरी साधना है. इसमें ‘ओम’ ब्रह्मांड की ध्वनि को दर्शाता है और ‘नमः शिवाय’ का मतलब है – शिव को नमन. इस मंत्र का जप करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन की कई समस्याएं हल होने लगती हैं.
हालांकि कई लोग सोचते हैं कि वे बिना किसी विधि-विधान के ‘ओम नमः शिवाय’ जप सकते हैं, लेकिन शास्त्रों में इसका नियम अलग है, ये मंत्र वैदिक मंत्रों में आता है और इसे गुरु दीक्षा के बाद ही जपना चाहिए, अगर बिना दीक्षा के इस मंत्र का जाप किया जाए, तो इससे मन में मौजूद नकारात्मक विचार और भी बढ़ सकते हैं. यही कारण है कि इस मंत्र को गुरु की देखरेख में ही अपनाना चाहिए.
बिना दीक्षा के क्या करें?
अगर आपने अभी तक गुरु से दीक्षा नहीं ली है और फिर भी शंकर भगवान का नाम जपना चाहते हैं, तो उसके लिए भी एक सरल उपाय है. आप ‘शंभ सदा शिव, शंभ सदा शिव’ का जप कर सकते हैं. यह नाम लेना पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे कोई भी कभी भी कर सकता है. इस नाम में भी उतनी ही भक्ति शक्ति है जो मन को शांति और सुकून देती है.
नाम जपने का सही तरीका
1. साफ मन से बैठें – सबसे पहले मन को शांत करें और किसी शांत जगह पर बैठें.
2. ध्यान केंद्रित करें – भगवान शंकर की छवि मन में लाकर ध्यान लगाएँ.
3. गिनती के लिए माला – नाम जपते समय 108 मनकों वाली रुद्राक्ष माला का प्रयोग किया जा सकता है.
4. समय का महत्व – सुबह सूर्योदय के समय या रात को सोने से पहले जप करना ज्यादा फलदायी होता है.
5. नियमितता रखें – अगर रोज़ाना कुछ समय निकालकर नाम जप करेंगे, तो उसका असर और गहरा होगा. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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