Friday, November 21, 2025
20 C
Surat

Navratri Food in Jail: क्या नवरात्र में जेल में भी मिलता है व्रत का खाना? कैसी होती है वहां की सात्विक थाली 


Navratri Food in Jail: जेलों में बंद कैदियों की जिंदगी के बारे में लोगों के मन में हमेशा जिज्ञासा बनी रहती है. अक्सर हम सोचते हैं कि क्या जेल की चारदीवारी के भीतर भी सामान्य जिंदगी के रंग मौजूद होते हैं? क्या वहां रहने वाले लोग भी हमारी तरह त्योहार मना पाते हैं? जैसे कि इन दिनों पूरे देश में नवरात्र का उल्लास छाया हुआ है, तो सवाल उठता है कि क्या जेलों के अंदर भी यह पर्व मनाया जाता है?

जेल की दुनिया, जो बाहर से बेहद रहस्यमयी और कठोर दिखती है अपने भीतर एक अलग ही सच्चाई समेटे हुए है. जहां बाहर की दुनिया में भक्ति और उल्लास की लहर है, वहीं जेल के अंदर भी कैदियों को अपने धर्म और आस्था से जुड़े रहने का मौका मिलता है. ये कैदी भी उपवास, पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन के जरिए नवरात्रि या नवरात्र मनाते हैं. जेल प्रशासन भी उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें व्रत रखने और पूजा करने की सुविधा देता है, जिससे वे भी इस पावन पर्व का हिस्सा बन सकें. 

ये भी पढ़ें- नवरात्र व्रत में प्याज-लहसुन तो वर्जित है ही, लेकिन ये सब्जियां भी नहीं खायी जातीं, जानें वजह 

मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016
अगर कोई कैदी व्रत रखना चाहता है तो उसे जेलर को सूचित करना होता है. नवरात्र के दौरान भारतीय जेलों में कैदियों को उनके धार्मिक विश्वासों के अनुसार व्रत का खाना उपलब्ध कराया जाता है. जैसा कि मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 और विभिन्न राज्य जेल नियमावलियों में उल्लेखित है. यह व्यवस्था मुख्य रूप से हिंदू और जैन कैदियों के लिए होती है जो नवरात्र के नौ दिनों तक उपवास रखते हैं. राज्य सरकारें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की गाइडलाइंस के आधार पर डाइट चार्ट बनाती हैं. हालांकि यह हर जेल में एक समान नहीं होता. यह राज्य, जेल की सुविधाओं और कैदी की स्थिति पर निर्भर करता है. औसतन प्रति कैदी भोजन पर 52-60 रुपये प्रतिदिन खर्च होता है.

ये भी पढ़ें– Explainer: सितंबर में क्यों होती संयुक्त राष्ट्र महासभा, इस बार क्या एजेंडा, क्या ये हर साल होती है? 

धार्मिक आधार पर मिलती है सुविधा
अगर कोई कैदी हिंदू, जैन, मुस्लिम या अन्य धर्म का अनुयायी है तो वह जेल प्रशासन को सूचित कर सकता है. उदाहरण के लिए रमजान के दौरान मुस्लिम कैदियों को सुबह-सुबह (सूर्योदय से पहले) भोजन उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे रोजा रखने से पहले सहरी खा सकें. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 2017 में इसके लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी की सिफारिश की थी. सावन के महीने या अन्य हिंदू व्रतों के मामले में महाराष्ट्र की जेलों में कैदियों को कैंटीन से फल, साबूदाना खिचड़ी या व्रत-विशेष व्यंजन उपलब्ध कराए जाते हैं. जैन कैदियों (जैसे दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के केस में) को भी विशेष जैन डाइट मिलती है. 

ये भी पढ़ें- विजय माल्या के पिता नहीं पीते थे एक भी बूंद, फिर कैसे बनाया शराब का इतना बड़ा साम्राज्य 

नवरात्र में जेल में व्रत का खाना
नवरात्र के व्रत के लिए शाकाहारी और सात्विक भोजन दिया जाता है, जिसमें अनाज (गेहूं, चावल) और नमक का उपयोग नहीं होता. इसमें साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू या सिंगाड़ा आटे की पूड़ी/रोटी, उबले आलू की सब्जी (बिना प्याज-लहसुन), फल (केला, सेब, संतरा, पपीता), दूध, दही, या छाछ, मूंगफली और व्रत की विशेष चटनी दी जाती है. कुछ कैदी पूरे दिन उपवास करते हैं और केवल शाम को हल्का भोजन लेते हैं. तो जेल प्रशासन समय के अनुसार भोजन देता है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैदियों को नवरात्र के लिए विशेष डाइट दी जाती है, जिसमें साबूदाना और फल शामिल हैं. कई जेलों में कैदी अपनी जेल कैंटीन से व्रत-योग्य सामग्री खरीद सकते हैं, जैसे साबूदाना, मूंगफली या फल.

ये भी पढ़ें- Explainer: क्या मालदीव डूब रहा है? अगर जलमग्न हो गया तो बतौर देश क्या होगी उसकी कानूनी स्थिति 

होती हैं धार्मिक गतिविधियां भी
कुछ जेलों में नवरात्र के दौरान माता दुर्गा की पूजा के लिए छोटे आयोजन होते हैं. कैदियों को जेल परिसर में मंदिर या पूजा स्थल पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जा सकती है. महाराष्ट्र की जेलों में मंदिरों में सामूहिक पूजा का प्रावधान है. कुछ जेलों (जैसे पश्चिम बंगाल या तिहाड़) में नवरात्र के दौरान भजन-कीर्तन या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं. अगर कोई कैदी नवरात्र के लिए विशेष पूजा सामग्री (जैसे अगरबत्ती, फूल) चाहता है तो वह जेल प्रशासन से अनुरोध कर सकता है. हालांकि यह जेल नियमों और सुरक्षा पर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ें- Explainer: क्या है APEC शिखर सम्मेलन, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप करेंगे शी जिनपिंग से मुलाकात 

त्योहारों पर विशेष मेन्यू
दुर्गा पूजा, नवरात्र या अन्य अवसरों पर जेल में विशेष मेन्यू बनाया जाता है. जैसे पश्चिम बंगाल की जेलों में मटन बिरयानी या चिकन करी जैसी चीजें बनायी जाती हैं. हालांकि व्रत के लिए शाकाहारी विकल्प भी उपलब्ध होते हैं. ज्यादातर जेलों में कैंटीन होती है जहां कैदी पैसे से खाने का सामान खरीद सकते हैं. सरकारी भोजन के अलावा यह विकल्प आम है. अगर कैदी को लगे कि उसकी धार्मिक जरूरत पूरी नहीं हो रही, तो वह कोर्ट जा सकता है. उदाहरण के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले में मुस्लिम कैदी को रमजान डाइट मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए थे.

ये भी पढ़ें- सभी समुद्रों के नीचे है बेशुमार सोना, जिसे निकालें तो कर देगा मालामाल, कहां है अड़चन 

कैसी होती है खाने की क्वालिटी
जेल भोजन की क्वालिटी राज्य पर निर्भर करती है. कुछ जेलों (जैसे बिहार की नवादा मंडल कारा या यूपी की फतेहगढ़ जेल) को FSSAI से 5-स्टार रेटिंग मिली है. जहां खाना स्वच्छ और पौष्टिक होता है. लेकिन कई जगहों पर शिकायतें आती हैं. खाना सादा, कम मसालेदार या कभी-कभी घटिया क्वालिटी का होता है. प्रति कैदी प्रति दिन औसतन 52-60 रुपये खर्च होते हैं. सभी जेलों में एक जैसी सुविधा नहीं मिलती है. दक्षिणी/पूर्वोत्तर राज्यों में दिया जाना वाला भोजन बेहतर है, जबकि उत्तर भारत में कभी-कभी क्वालिटी की शिकायतें मिलती हैं. NCRB डेटा के अनुसार 47.9 फीसदी जेल बजट भोजन पर खर्च होता है. हाल के वर्षों में FSSAI सर्टिफिकेशन और कोर्ट ऑर्डर से सुधार हुआ है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/knowledge/are-vrat-food-available-in-jails-during-navratri-what-is-satvik-thali-like-there-ws-kl-9658089.html

Hot this week

aaj ka Vrishchik rashifal 22 November 2025 Scorpio horoscope in hindi Shani position reveals obstacles and stress

Last Updated:November 22, 2025, 00:07 ISTAaj ka Vrishchik...

ताउम्र रहना है सेहतमंद, तो सुबह

https://www.youtube.com/watch?v=peFf_eCxnco Benefits Of Pranayams: सुबह उठते से ही मोबाइल...

Topics

ताउम्र रहना है सेहतमंद, तो सुबह

https://www.youtube.com/watch?v=peFf_eCxnco Benefits Of Pranayams: सुबह उठते से ही मोबाइल...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img