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Navratri 2025 : यूपी में यहां पूरे ब्रह्मांड का एकमात्र त्रिकोण, दर्शन से मिलता अश्वमेघ यज्ञ वाला फल


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Maa Vindhyavasini Temple : यहां हर एक किलोमीटर पर एक शक्ति बैठी हुई है. यह क्षेत्र शक्तिपीठ के साथ ही सिद्धपीठ भी है. यहां भगवती स्वयं पूरे शरीर के साथ विराजमान हैं. बाकी जगहों पर सिर्फ मां के अंगों के दर्शन होते हैं.

मिर्जापुर. मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि यहां एक ऐसा भी त्रिकोण है, जिसके दर्शन से एक अश्वमेध यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है. मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के बाद महाकाली और महासरस्वती के दर्शन कर सकते हैं. एक-एक किलोमीटर की दूरी पर तीनों महाशक्ति मौजूद हैं. तीनों के अलग-अलग फल मिलते हैं. विन्ध्यधाम के विद्यवान पं. अनुपम महराज Bharat.one से कहते हैं कि त्रिकोण के नाम से ही विंध्याचल का याद आ जाता है. विंध्याचल के जैसा त्रिकोण पूरे ब्रह्मांड में नहीं है. यहां पर हर एक किलोमीटर पर एक शक्ति बैठी हुई है. यह क्षेत्र शक्तिपीठ के साथ ही सिद्धपीठ भी है क्योकि यहां पर भगवती स्वयं पूरे शरीर से विराजमान हैं. महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती तीनों के दर्शन मिलते हैं. बाकी जगहों पर मां के अंग के दर्शन होते हैं. यहां साक्षात भगवती के दर्शन होते हैं.

जानें कहां क्या-क्या

पं. अनुपम महराज के अनुसार, यहां पर दो त्रिकोण हैं. लघु त्रिकोण मां के धाम में महाकाली और महासरस्वती हैं. मां के धाम में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती मिलकर लघु त्रिकोण बनाते हैं. दीर्घ त्रिकोण में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद कालीखोह जाते हैं. यहां पर खेचरी मुद्रा में महाकाली मधु पान या नारियल जल चढ़ाया जाता है. वहीं पर भैरव के भी दर्शन होते हैं. महाकाली के दर्शन के बाद आगे अष्ठभुजा मंदिर है.

भाई को बचाने के लिए जन्म

पं. अनुपम महराज बताते हैं कि मां अष्टभुजा को महासरस्वती का रूप माना जाता है. ये वही नंदजा की पुत्री हैं जो भाई को बचाने के लिए जन्म ली थीं. सुनने में आता है कि बहनों की रक्षा भाई करते हैं, लेकिन यहां पर भाई की रक्षा के लिए बहन ने जन्म लिया. ये कृष्ण की बहन हैं. कंस ने जिस पैर को पकड़कर पटका था. आज भी पैरों में निशान मौजूद हैं. यहां पर रामेश्वरम, तारापीठ व भैरव के दर्शन कर सकते हैं. मां के धाम के त्रिकोण दर्शन से अश्वयमेघ यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है. पहले मां धन, संतान व यश-कीर्ति देती हैं. फिर महाकाली अभिमान को खत्म करती हैं. फिर ज्ञान के लिए सरस्वती के दर्शन करते हैं.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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यहां पूरे ब्रह्मांड का एकमात्र त्रिकोण, दर्शन से मिलता अश्वमेघ यज्ञ वाला फल

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