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Maheshwar Goddess Temples: मध्य प्रदेश की धार्मिक और पवित्र नगरी महेश्वर का प्राचीन नाम माहिष्मती है. यह देवी उपासना का एक प्रमुख केंद्र है. इस क्षेत्र में मां दुर्गा के 9 रूपों के दर्शन होते हैं. यहां स्थित मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराने हैं. पांडव कालीन और परमारका काल से जुड़े ये मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र माने जाते हैं. नवरात्रि में यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं.

माहिष्मती की 9 दुर्गाओं में पहला नाम पार्वती माता मंदिर जाम घाट का आता है. यहां की अष्टभुजाधारी प्रतिमा मां पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है. महिषासुर का वध करने के लिए देवी यहां बाल रूप में प्रकट हुई थीं. माना जाता है कि यह मंदिर स्कंद पुराण में उल्लेखित है और राजा इंद्र ने प्रतिमा की स्थापना करवाई थी. यह मंदिर विंध्याचल पहाड़ी पर खरगोन-इंदौर सीमा पर स्थित है.

आशापुरी माता मंदिर महेश्वर से लगभग 13 किमी दूर आशापुर गांव में स्थित है. यहां माता शाकंभरी के रूप में विराजमान हैं. यह मंदिर अति प्राचीन है. करीब 800 साल पहले पहली बार इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था. मान्यता है कि पांडव अर्जुन ने यहां तपस्या की थी. यहां विराजमान देवी 28 से ज्यादा गोत्र की कुलदेवी मानी जाती हैं.

माहिष्मती क्षेत्र का चौली गांव चौसठ योगिनी माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यह परमार कालीन मंदिर तांत्रिक क्रियाओं और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है. नवरात्रि में यहां विशेष अनुष्ठान होते हैं और दूर-दूर से साधक आते हैं.

महेश्वर का भवानी माता मंदिर भी 9 दुर्गाओं में शामिल है. इसे स्वाद्य पीठ कहा जाता है और इसकी पहचान महाभारत कालीन स्थल के रूप में की जाती है. अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. यहां माता की प्रतिमा काले पत्थरों से निर्मित है.

देवी हिंगलाज माता मंदिर महेश्वर का प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थल है. पेशवा कालीन इस मंदिर में हिंगलाज माता की पिंडी स्वरूप में पूजा होती है. श्रद्धालुओं ने एक प्रतिमा भी स्थापित की है. पाकिस्तान स्थित हिंगलाज धाम से लाए गए चार त्रिशूल यहां के विशेष आकर्षण और आस्था का केंद्र हैं.

महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर नगर के प्रसिद्ध राजराजेश्वर मंदिर के पास स्थित है. देवी का यह मंदिर भी अति प्राचीन है. यह मंदिर नवरात्रि में विशेष पूजा-अर्चना का केंद्र होता है. 9 दिनों तक कई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं.

भद्रकाली मंदिर भी 9 दुर्गाओं में शामिल है. यह मंदिर नगर के भीतर प्राचीन स्वरूप में आज भी मौजूद है. यहां की प्रतिमा अत्यंत प्राचीन और प्रभावशाली मानी जाती है. नवरात्रि में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर नगर के प्रसिद्ध राज राजेश्वर मंदिर के पास है.

रेणुका माता को भी माहिष्मती की 9 दुर्गाओं में गिना जाता है. यहां माता का विग्रह साधारण निवास स्थान पर स्थापित है. श्रद्धालुओं की आस्था है कि माता का आशीर्वाद घर-परिवार की रक्षा करता है. यह मंदिर हिंगलाज माता मंदिर के पास है.

महेश्वर की 9 दुर्गाओं में बागेश्वरी माता मंदिर का भी नाम आता है. यह माली मोहल्ले में स्थित है और अत्यंत प्राचीन विग्रह यहां स्थापित हैं. नवरात्रि में यहां भक्तों की भीड़ जुटती है. भक्त पूरे 9 दिन देवी की उपासना और भक्ति में लीन रहते हैं.