बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की रसोई अपने देसी स्वाद, पारंपरिक व्यंजनों और पौष्टिकता के लिए हमेशा से मशहूर रही है. यहां के गांव-शहरों में आज भी ऐसे व्यंजन पकते हैं जो न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि शरीर को ऊर्जा भी देते हैं. इन्हीं खास व्यंजनों में से एक है डोड़का (तरोई) और चना की सब्जी, जिसे लोग सामान्य दिनों में भी और नवरात्रि जैसे व्रत के समय सात्विक रूप में भी बनाते हैं.
डोड़का-चना की सब्जी छत्तीसगढ़ के घरों में खासतौर पर दोपहर के भोजन में बड़े चाव से खाई जाती है. चने की पौष्टिकता और डोड़का की हल्की ताजगी इस रेसिपी को स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से खास बनाती है.
नवरात्रि में सात्विक स्वाद
नवरात्रि के दौरान अधिकतर लोग बिना प्याज-लहसुन और कम तेल का सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं. ऐसे समय में भी यह सब्जी बेहतरीन विकल्प बन जाती है. सेंधा नमक, हल्के मसाले और देसी घी के साथ पकाकर यह व्रत में भी पौष्टिक और हल्की रहती है.
आवश्यक सामग्री
ताजा डोड़का (तरोई), उबला हुआ चना (काबुली या देसी), टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और व्रत में इस्तेमाल होने वाला सेंधा नमक. साधारण दिनों में इसमें प्याज, लहसुन, गरम मसाला, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर और तेल का उपयोग कर स्वाद बढ़ाया जा सकता है.
बनाने की खास रेसिपी
चना रातभर भिगोकर उबाल लें और डोड़का को धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें. कढ़ाही में घी या तेल गरम कर अदरक-हरी मिर्च का तड़का लगाएं. टमाटर डालकर हल्का भूनें, फिर सेंधा नमक डालें. अब डोड़का और उबला हुआ चना डालकर अच्छी तरह मिलाएं और धीमी आंच पर ढककर 8-10 मिनट तक पकाएं. अंत में ऊपर से हरा धनिया डालकर गरम-गरम परोसें.
परोसने का तरीका
यह सब्जी गर्म रोटी, फुल्का, चावल या व्रत में समा चावल, रोटी के साथ भी खाई जा सकती है. नवरात्रि में सात्विक रूप में और सामान्य दिनों में तड़के के साथ बनने वाली यह डिश हर थाली का स्वाद दोगुना कर देती है.
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