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गोरखपुर का बुढ़िया माता मंदिर, जंगल के बीचो-बीच में मौजूद है. यह मंदिर भी नवरात्र में भक्तों से खचाखच भरा रहता है. मां से सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर पूरी होती है. नवरात्र के अवसर पर मंदिर में हर दिन विशेष भोग और हवन का आयोजन किया जा रहा है.
गोरखपुर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां शक्ति के दरबारों में भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. शहर के प्रमुख मंदिरों, काली मंदिर, बुढ़िया माता मंदिर और तरकुलहा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है. सुबह आरती से लेकर देर शाम तक मंदिर परिसर में घंटों की गूंज और मां के जयकारे माहौल को भक्ति से भर देते हैं.
बुढ़िया माता मंदिर में उमड़ी आस्था
गोरखपुर का बुढ़िया माता मंदिर, जंगल के बीचो-बीच में मौजूद है. यह मंदिर भी नवरात्र में भक्तों से खचाखच भरा रहता है. मां से सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर पूरी होती है. नवरात्र के अवसर पर मंदिर में हर दिन विशेष भोग और हवन का आयोजन किया जा रहा है. महिलाएं और बच्चे सुबह-सुबह यहां नारियल, चुनरी और फल चढ़ाकर माता से आशीर्वाद मांगते नजर आ रहे हैं. मंदिर परिसर में हर तरफ धार्मिक उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है.
तरकुलहा देवी मंदिर में लंबी लाइनें
गोरखपुर शहर से लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूर मौजूद यह मंदिर बेहद खास और अपनी अलग आस्था के लिए जाना जाता है. इस मंदिर से क्रांतिकारी का इतिहास भी जुड़ा है और भक्तों का आस्था भी नवरात्र में इस मंदिर की भूमिका और बढ़ जाती है. इस वक्त तरकुलहा देवी मंदिर पर तो आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है. यहां दूर-दराज के जिलों से भी श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लंबी-लंबी लाइनों से होकर गुजरना पड़ रहा है. सुबह से ही मंदिर परिसर भरा रहता है और शाम तक यहां रौनक बनी रहती है. स्थानीय प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
भक्तिमय शहर का नजारा
गोरखपुर शहर नवरात्र में पूरी तरह से भक्तिमय हो उठा है. मंदिरों में सुबह-शाम भजन और कीर्तन की गूंज, जगह-जगह सजे पंडाल और रोशनी से जगमगाता वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान कर रहा है. दुकानों पर पूजा सामग्री, चुनरी, नारियल और दीपक खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है. गोरखपुर के ये मंदिर इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि जब भक्त मां की शरण में आते हैं तो पूरा शहर भक्ति में सराबोर हो जाता है.