Saturday, September 27, 2025
33 C
Surat

Shani Pradosh Vrat 2025 Date muhurat shiv puja timing | शनि प्रदोष व्रत कब है? जानें तारीख, मुहूर्त, द्विपुष्कर योग


Shani Pradosh Vrat 2025 Date: शनि प्रदोष व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. शनिवार को प्रदोष व्रत होने की वजह से इसे शनि प्रदोष कहा जाता है. इस व्रत के दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है, वहीं शिव पूजा के लिए ढाई घंटे का शुभ समय है. द्विपुष्कर योग में आप जो कोई भी शुभ कार्य करते हैं, उसका दोगुना फल प्राप्त होता है. शनि प्रदोष व्रत रखकर ​शिव पूजा करने से संतान सुख मिलता है, धन, वैभव, सुख, संपत्ति आदि में बढ़ोत्तरी होती है. त्रियोदशी तिथि के दिन शिव पूजा करते हैं. हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है.

शनि प्रदोष व्रत तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 4 अक्टूबर शनिवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट पर होगा. य​ह ति​थि 5 अक्टूबर रविवार को दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक मान्य रहेगी. प्रदोष की पूजा मुहूर्त के आधार पर शनि प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर शनिवार को रखा जाएगा.

शनि प्रदोष शुभ मुहूर्त

शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 03 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है. उस शाम शिव जी की पूजा के लिए आपको 2 घंटे 27 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. पूजा के समय लाभ-उन्नति मुहूर्त भी रहेगा, जो शाम 06:03 पी एम से शाम 07:35 पी एम तक है.

प्रदोष के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:38 ए एम से 05:27 ए एम तक है. उस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11:46 ए एम से दोपहर 12:33 पी एम तक रहेगा. निशिता मुहूर्त देर रात 11:45 पी एम से 12:34 ए एम तक है.

द्विपुष्कर योग में शनि प्रदोष व्रत

इस बार का प्रदोष व्रत द्विपुष्कर योग में है. अक्टूबर के पहले त्रयोदयशी के दिन द्विपुष्कर योग सुबह में 06:16 ए एम पर प्रारंभ होगा, जिसका समापन सुबह 09:09 ए एम पर होना है.

व्रत के दिन प्रात:काल में शूल योग होगा, जो शाम को 7 बजकर 27 मिनट तक है. फिर गण्ड योग शुरू होगा. व्रत पर प्रात:काल में धनिष्ठा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 09:09 ए एम तक है. इस योग को धन प्राप्ति वाला नक्षत्र कहा जाता है. 09:09 ए एम शतभिषा नक्षत्र है, जो पूर्ण रात्रि तक है.

शनि प्रदोष व्रत पर पंंचक

अक्टूबर के पहले प्रदोष यानि शनि प्रदोष व्रत के दिन पंचक है. यह पंचक पूरे दिन है. यह एक चोर पंचक है क्योंकि इसकी शुरूआत शुक्रवार से है. इस दिन से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. इसमें वस्तुओं की चोरी होने का डर रहता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/shani-pradosh-vrat-2025-date-muhurat-dwipushkar-yoga-chaor-panchak-shiv-puja-timing-importance-of-trayodashi-ws-e-9672273.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img