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Navratri 2025: हरिद्वार में नवरात्रि पर दुर्गा सप्तशती के पाठ का सही क्रम देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक स्तोत्र है, जिससे मंत्र सिद्धि, शत्रु नाश और अद्भुत फल प्राप्त होते हैं.
हरिद्वार. शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन चल रहे हैं इन दिनों में देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की आराधना पूजा पाठ आदि किए जाते हैं. मार्कंडेय पुराण के अनुसार देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के दिन सबसे अधिक फलदायक होते हैं. इन दिनों में व्रत, पूजा पाठ और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सबसे अधिक फलदायक होता है, लेकिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का एक क्रम निर्धारित किया गया है. यदि साधक ने क्रम के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं किया तो नाम मात्र ही लाभ की प्राप्ति होती है. दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने पर सबसे पहले उन्हें नतमस्तक होकर प्रणाम किया जाता है. इसके बाद सबसे पहले दुर्गा सप्तशती में वर्णित देवी कवच का पाठ किया जाता है जिससे साधक के चारों ओर अदृश्य शक्ति का कवच बन जाता है और देवी की भक्ति करने में कोई बाधा नहीं होती.
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से कार्यों में सिद्धि और मंत्रों की सिद्धि दुर्गा सप्तशती के कौन से पाठ से होगी इसकी जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की देवी कवच के बाद अर्गला स्तोत्र का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय, कार्यों में सफलता प्राप्त होती है लेकिन इसके बाद देवी कवच और अर्गला स्तोत्र के मंत्रों को सिद्ध करने के लिए कीलक स्तोत्र का पाठ करना बेहद जरूरी होता है. कीलक स्तोत्र का पाठ करने से सभी मंत्रो की सिद्धि और स्तोत्र का करोड़ों गुना लाभ मिलता है.
वह आगे बताते हैं कि कीलक स्तोत्र का पाठ नवरात्रि के दिनों में करने से शत्रुओं का नाश, भूत प्रेत की समस्याएं, टोना टोटका और बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है साथ ही यह सभी मंत्रो को भी सिद्ध करके उनका संपूर्ण फल प्रदान करता है. यह स्तोत्र बेहद ही शक्तिशाली और चमत्कारी है जिसको करने के बाद आदि शक्ति अमोघ फल प्रदान करती हैं. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार यह स्तोत्र देवी देवताओं को भी दुर्लभ है. दुर्गा सप्तशती में वर्णित कीलक स्तोत्र का पाठ अर्गला स्तोत्र के बाद करने का विधान बताया गया है.

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें