देशभर में 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. यह पर्व भगवान राम की उस विजय का प्रतीक है जिसमें उन्होंने रावण का वध कर अधर्म और अन्याय का अंत किया था. दशहरा हर साल हमें यह संदेश देता है कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, अच्छाई की रोशनी हमेशा विजयी होती है. इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं और शायरी भेजकर अपने रिश्तों में मिठास घोलते हैं. अगर आप भी इस बार दशहरे पर अपनों को स्पेशल अंदाज में शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो यहां हम लेकर आए हैं हैप्पी दशहरा 2025 की खूबसूरत शायरी….
अच्छाई की जीत की खुशबू है फिजाओं में,
रावण के जलने की गूंज है दुआओं में।
हर बुराई का अंत हो इस दशहरे पर,
खुशियां बरसे हर किसी की निगाहों में।
जलता है हर साल रावण का पुतला,
पर असली रावण अब भी दिलों में पलता।
कसम खाएं इस विजयदशमी के दिन,
हर बुराई को मिलकर है हमें जलता।
खुशियों का त्यौहार आया है,
साथ अपने ढेरों दुआएं लाया है।
रावण की तरह हर गम जल जाए,
आपका जीवन बस मुस्कुराए।
बुराई चाहे कितनी भी ताक़तवर हो जाए,
सच्चाई और अच्छाई हमेशा जीत ही पाए।
दशहरे का यही है सुंदर संदेश,
नफरत को छोड़ अपनाओ प्रेम और विश्वास।
सोने की लंका जल गई राख में,
राम का नाम बसता है हर आभा में।
दशहरा सिखाता है यही प्यारा सबक,
अंत में जीत होती है सच्चाई और सब्र की राह में।
दशहरा का संदेश शायरी में
खुश रहो जैसे राम जी का दरबार।
मिले आपको खुशियों की हर बहार
कभी न हो जीवन में दुखों का पहरा,
आप सभी को मुबारक हो दशहरा।
दहन हो हर मन के रावण का,
सज जाए हर कोना जीवन का।
फैले अच्छाई की महक चारों ओर,
दशहरा लाए खुशियां बेशुमार।
रिश्तों में मिठास घुल जाए,
दिल से हर गम निकल जाए।
रावण की तरह मिटे बुराई,
दशहरा बस खुशियां लाए।