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Ayodhya News: शारदीय नवरात्रि अपने समापन की तरफ है. यह त्योहार मां दुर्गा की नौ स्वरूपों को समर्पित होता है. कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी की विधि विधान पूजा आराधना करने से जीवन के सारे संकट से निवारण मिलता है.

नवरात्रि का शुभारंभ घट स्थापना से होता है और इस दिन कलश स्थापित करके देवी का आवाहन भी लोग करते हैं. अखंड ज्योति जलाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि समापन के बाद इन चीजों का क्या करना चाहिए. तो चलिए विस्तार से आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं .

दरअसल, अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि आज नवरात्रि की नवमी तिथि है यदि आपने नवरात्रि शुरू होने के साथ कलश स्थापना किया है, तो नवरात्रि खत्म होने के बाद मिट्टी के कलश को किसी पवित्र नदी अथवा तालाब में विसर्जित करना चाहिए. लेकिन अगर आपने पीतल अथवा तांबे का कलश स्थापित किया है, तो उसे संभाल कर भी रखा जा सकता है.

इसके अलावा, कलश पर स्थापित नारियल को नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन घर की पूजा स्थान पर फोड़कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए. कलश का जल घर के अलग-अलग हिस्सों में छिड़कना चाहिए. ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा का संचार खत्म होता है.

नवरात्रि के समापन के बाद अखंड ज्योति के दीपक को भी पवित्र नदियों में विसर्जित करना चाहिए. कलश में जो आपने सिक्का डाला है उस सिक्के को धन के स्थान पर रखना चाहिए. ऐसा बेहद शुभ माना जाता है .

नवरात्र में उगाई जाने वाली जौ को भी नवमी तिथि पर किसी पवित्र नदियों में विसर्जित करना चाहिए. नवरात्र के बाद इन्हें यूं ही कहीं भी नहीं फेंक देना चाहिए. वरना माता रानी नाराज भी हो सकती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में माता जगत जननी जगदंबा का विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से जीवन की सभी मनोकामना पूरी होती हैं. साथ ही, माता रानी का पूरे साल आशीर्वाद भी बना रहता है और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है.